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VIDEO: बंगाल को दंगे की आग में झोंकना चाहती थीं ममता बनर्जी, भाजपा नेता अमित मालवीय का TMC चीफ पर गंभीर आरोप

Mamata Banerjee Viral Audio, Sitalkuchi Firing: राजनीतिक लाभ लेने के लिए तृणमूल सुप्रीमो एवं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य को दंगे की आग में झोंक देना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने शीतलकुची में फायरिंग में मारे गये 4 लोगों के शव के साथ शवयात्रा निकलवाना चाहती थीं. जीवित लोगों से ज्यादा मृत शरीर पर राजनीति करना ममता बनर्जी को बखूबी आता है. उन्हें मालूम हो गया है कि वह हार रह हैं, इसलिए मतदाताओं को बरगलाने के लिए हर हथकंडा अपनाने को तैयार हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2021 8:48 PM
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Mamata Banerjee Viral Audio, Sitalkuchi Firing: कोलकाता : डेडबॉडी लेकर जुलूस निकालो, एसपी और आइसी को फंसाना होगा. ठंडे दिमाग से अभी मतदान करवा लो. बाद में मैं सब संभाल लूंगी. कथित तौर पर बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी शीतलकूची के तृणमूल उम्मीदवार पार्थ प्रतिम राय को ये बातें टेलीफोन पर कह रही हैं. यह संवाद कूचबिहार के शीतलकुची विधानसभा क्षेत्र के माथाभांगा में एक मतदान केंद्र के बाहर सीआइएसएफ के जवानों की फायरिंग में 4 लोगों की मौत के बाद का बताया जा रहा है. इस ऑडियो के सामने आने के बाद बंगाल की राजनीति में हंगामा मच गया है. भाजपा ने ममता बनर्जी पर राज्य में दंगे भड़काने की कोशिश का आरोप लगा दिया है.

पश्चिम बंगाल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-प्रभारी एवं बीजेपी आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय एवं सांसद लॉकेट चटर्जी ने होटल हिंदुस्तान इंटरनेशनल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके तृणमूल सुप्रीमो पर गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए तृणमूल सुप्रीमो एवं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य को दंगे की आग में झोंकने की क देना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने शीतलकुची में फायरिंग में मारे गये 4 लोगों के शव के साथ शवयात्रा निकलवाना चाहती थीं. जीवित लोगों से ज्यादा मृत शरीर पर राजनीति करना ममता बनर्जी को बखूबी आता है. उन्हें मालूम हो गया है कि वह हार रह हैं, इसलिए मतदाताओं को बरगलाने के लिए हर हथकंडा अपनाने को तैयार हैं.

मीडिया के सामने अमित मालवीय ने एक वायरल ऑडियो क्लिप चलाया, जिसमें ममता बनर्जी अपनी पार्टी के उम्मीदवार पार्थ प्रतिम राय से घटनास्थल पर जाने को कहती हैं. पार्थ प्रतिम राय कह रहे हैं कि वह जायेंगे और सब कुछ कर लेंगे. अमित मालवीय ने दावा किया कि ममता बनर्जी घटना को चुनावी लाभ के लिए सांप्रदायिक रंग देने के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवार से कहती हैं. वह कहती हैं कि सुरक्षा बलों की गोली से मारे गये लोगों के शवों के साथ यात्रा निकाली जाये. श्री मालवीय ने कहा कि यदि उस दिन शवयात्रा निकल गयी होती, तो आप सहज अनुमान लगा सकते हैं कि उसका क्या असर होता. प्रदेश में दंगे भड़क सकते थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए काम करना चाहिए था, लेकिन वह इसके विपरीत काम कर रहीं थीं.

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श्री मालवीय ने कहा कि मुख्यमंत्री को जिस वक्त लोगों के आक्रोश को शांत करना चाहिए था, उस वक्त वह अपनी पार्टी के नेता से कह रही हैं कि वे कूचबिहार के एसपी और मामले के जांच पदाधिकारी (आइसी) को फंसाने के लिए केस करवायें. अमित मालवीय ने दावा किया कि ममता बनर्जी टेप में कह रही हैं कि केस परिवारों की ओर से दर्ज न कराये जायें. पेशेवर वकील के जरिये केस करवाया जाये. श्री मालवीय ने कहा कि सरकारी मुलाजिमों को सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं देने वाली ममता बनर्जी, अब उन्हें फंसाने की बात कर रही हैं. सिर्फ अपने राजनीतिक लाभ के लिए.

अमित मालवीय ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी ने इस टेप में अपनी पार्टी के उम्मीदवार से कहा कि शीतलकुची के लोगों में यह बात फैला दो कि अगर भाजपा जीत गयी, तो नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) लागू किया जायेगा और उसके बाद मुस्लिमों को डिटेंशन कैंप में भेज दिया जायेगा. श्री मालवीय ने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य अल्पसंख्यकों के मन में भय पैदा करना है, ताकि लोग डरकर टीएमसी को वोट करें.

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श्री मालवीय ने कहा कि एनपीआर लागू करने की सरकार की अभी तक कोई योजना ही नहीं है. उन्होंने कहा कि 10 साल में ममता बनर्जी ने तुष्टिकरण की जो राजनीति की है, उससे प्रदेश और देश के सामाजिक ताने-बाने को कितना नुकसान हुआ होगा, इस टेप से इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आपराधिक मानसिकता का व्यक्ति क्या प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के काबिल है? कहा कि चार चरणों में लोगों ने इसका फैसला कर दिया है और अगले चार चरणों में ममता के कार्यों का मूल्यांकन इसी आधार पर होगा.


CID ने कूचबिहार गोलीकांड की जांच शुरू की

इससे पहले, पश्चिम बंगाल सीआइडी ने 10 अप्रैल को कूचबिहार जिले में मतदान के दौरान सीआइएसएफ की फायरिंग में चार लोगों की मौत के मामले में जांच शुक्रवार को शुरू कर दी. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. शीतलकूची में चौथे चरण के मतदान के दौरान हुई घटना की जांच के लिए अपराध जांच विभाग (सीआइडी) की विशेष जांच टीम (एसआइटी) का गठन किया गया है.

इस घटना के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और उसको चुनौती दे रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच उग्र जुबानी जंग शुरू हो गयी है और लोगों में इस घटना को लेकर आक्रोश है. अधिकारी ने बताया कि जांचकर्ता शीतलकूची निर्वाचन क्षेत्र के जोरपटकी में मतदान केंद्र 126/5 का दौरा करेंगे, जहां सीआइएसएफ के जवानों ने ग्रामीणों द्वारा कथित तौर पर हमला करने के बाद गोलियां चला दी थी.

टीएमसी ने दावा किया है कि जिन लोगों की मौत हुई थी, वे उनकी पार्टी के समर्थक थे. उन्हें उस वक्त गोली मारी गयी, जब वे वोट डालने के लिए कतार में खड़े थे. टीएमसी प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना को ‘नरसंहार’ करार दिया. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों से बात करने और उनके बयान दर्ज करने के अलावा एसआइटी घटना का वीडियो फुटेज भी देखेगी.

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उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हुआ है, जिसकी प्रमाणिकता को जांचने के लिए फॉरेंसिक जांच करवायी जा सकती है. एसआइटी घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे स्थानीय पुलिस थाने के अधिकारियों और कर्मियों से भी बात करेगी. चुनाव आयोग ने घटना के बाद मतदान केंद्र पर वोटिंग रद्द कर दी थी और स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए कूचबिहार में नेताओं के प्रवेश पर 72 घंटे की रोक लगा दी थी.

Posted By : Mithilesh Jha

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