कोलकाता : कोरोना वायरस महामारी के बाद केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच दिनोंदिन टकराव बढ़ता जा रहा है. कोरोना जांच में गड़बड़ी, लॉकडाउन का पालन नहीं करने और प्रवासी श्रमिकों की वापसी के मुद्दे पर आपसी मतभेद और टकराव के बाद अब विमान सेवा शुरू करने को लेकर भी पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने है.
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तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि विदेश में रहने वाले पश्चिम बंगाल के लोगों की वापसी के लिए केंद्र सरकार कोई विमान मुहैया नहीं करा रहा है. श्री चटर्जी ने ट्वीट किया: क्या विदेश मंत्रालय (एमईए ) हमें यह मानने के लिए कह रहा है कि जॉर्जिया से गुजरात आने के लिए पर्याप्त लोग हैं, लेकिन कोई भी कोलकाता नहीं आना चाहता है?
इसके अलावा, किर्गिस्तान से बिहार वापस आने के लिए पर्याप्त लोग हैं, लेकिन बंगाल वापस लाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं ? उन्होंने कहा कि बंगाल दुनिया के किसी भी हिस्से में अपने लोगों का खुले हाथों से स्वागत करेगा और चूंकि पीएम स्थानीय लोगों की बात कर रहे हैं, तो हमारे प्रवासी भाई और बहन हजारों किलोमीटर तक नंगे पैर चलने की बजाय इन विशेष उड़ानों में अपने घरों तक क्यों नहीं पहुंचते?
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श्री चटर्जी के ट्वीट का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के अनुराग श्रीवास्तव ने ट्वीट किया कि विदेश मंत्रालय राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करता है. भारत सरकार का वंदे भारत मिशन सभी फंसे हुए भारतीयों के लिए है, जिनमें पश्चिम बंगाल के लोग भी शामिल हैं. इनमें से 3,700 से अधिक ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से प्रत्यावर्तन के लिए पंजीकरण किया है.
श्री श्रीवास्तव ने आगे लिखा है कि अगर राज्य सरकार लोगों के लाने और क्वारेंटाइन की व्यवस्था की पुष्टि करेगी, तो कोलकाता के लिए उड़ानों की सहूलियत होगी. पड़ोसियों के साथ भूमि सीमाओं के माध्यम से बंगाल के निवासियों की वापसी में भी मदद करेगा. हमें मामले पर जल्द प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है.