भारत बांग्लादेश बार्डर : सीमा पर दोगुनी तेजी से हो रही है अवैध घुसपैठ, अवैध प्रवेश में दलालों का बड़ा हाथ, जांच एजेंसी एनआइए का खुलासा

पिछले महीने उत्तर बंगाल से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सात संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किये जाने के बाद से भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने निगरानी और भी कड़ी कर दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 9, 2020 9:44 AM

अमित शर्मा, कोलकाता : पिछले महीने उत्तर बंगाल से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सात संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किये जाने के बाद से भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने निगरानी और भी कड़ी कर दी है. उधर, मिजोरम में भी हथियारों का जखीरा बरामद हुआ था. ये मामले देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए तो चिंता के विषय हैं ही. यही वजह है कि बीएसएफ अवैध तरीके से सीमा पार करने की कोशिशों पर अंकुश लगाने में जुटी है, लेकिन यह काम किसी चुनौती से कम भी नहीं है.

बीएसएफ की रिपोर्ट को मानें, तो पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अवैध तरीके से सीमा पार करने की कोशिशों के मामलों में करीब दोगुना वृद्धि हुई है. पिछले वर्ष जनवरी से जुलाई महीने तक ऐसे मामलों में 1048 लोगों को भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से पकड़ा गया था, जबकि इस वर्ष जुलाई तक इसी अवधि में 2138 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. यानी ऐसे प्रयास में पकड़े जानेवालों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ गयी है. बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ की बात अक्सर ही सुनी जाती रही है. …पर, अभी तथ्य थोड़ा अलग किस्म का आ रहा है.

अब देखा जा रहा है कि भारत से बांग्लादेश जाने की कोशिशों में भी इजाफा हुआ है. बीएसएफ के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में जनवरी से जुलाई महीने तक यानी सात महीने की अवधि में बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ करने के आरोप में 399 लोग पकड़े गये, जबकि इसी दौरान भारत से बांग्लादेश में घुसने की कोशिश करते 649 लोगों की गिरफ्तारी हुई. इस वर्ष जुलाई महीने तक सात महीने में बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ के ऐसे ही आरोप में 409 लोगों की गिरफ्तारी हुई, जबकि अवैध तरीके से भारत से बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रहे 1729 लोगों को पकड़ा गया.

पैसे लेकर घुसपैठ कराते हैं दलाल : बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि अवैध तरीके से सीमा पार कराने में दलालों की बड़ी भूमिका होती है. ये घुसपैठ करनेवालों की हैसियत के हिसाब से रुपये मांगते और लेते हैं. अवैध तरीके से सीमा पार करने के दौरान पकड़े जानेवाले लोगों से होनेवाली पूछताछ से ही यह बात पता चलती है. बीएसएफ के अनुसार, अवैध तरीके से सीमा पार कराने में मदद के लिए दलाल प्रति व्यक्ति पांच से 30 हजार रुपये तक या 10 से 50 हजार टाका (बांग्लादेशी मुद्रा) तक लेते हैं.

पकड़े गये हैं सिविक वॉलिंटियर्स भी : अवैध तरीके से भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कराने के आरोप में पुलिस के सिविक वॉलंटियर्स भी गिरफ्तार हो चुके हैं. अभी विगत नौ सितंबर को भी ऐसा मामला सामने आया था. सीमा चौकी हकीमपुर स्थित चेक पोस्ट में जांच के दौरान बीएसएफ के जवानों ने एक महिला को पकड़ा, जो अवैध तरीके से बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रही थी. पूछताछ में उसने मददगार के रूप में स्वरूपनगर थाने के सिविक वॉलंटियर विजय कुमार साहा का नाम बताया था. साहा पर आरोप है कि उसने सीमा पार करने में मदद के लिए महिला से करीब पांच हजार रुपये लिये थे. इससे पहले भी ऐसे मामलों में अन्य सिविक वॉलंटियर्स पकड़े जा चुके हैं.

2019 और 2020 में घुसपैठ की कोशिश में हुई गिरफ्तारी

महीना 2019 2020

जनवरी 098 460

फरवरी 088 611

मार्च 208 589

अप्रैल 129 053

मई 127 049

जून 183 146

जुलाई 215 230

मामले में क्या कहते हैं अधिकारी : बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया का कहना है कि अवैध तरीके से सीमा पार करनेवालों को पकड़ने में बीएसएफ अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ती. अहम यह है कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश के लिए दलालों की गिरफ्तारी हो. गिरफ्तार होनेवाले घुसपैठियों से प्राथमिक पूछताछ में दलालों के बारे में जो जानकारी मिलती है, उन्हें पुलिस के साथ साझा भी किया जाता है, ताकि उन्हें भी जल्द पकड़ा जा सके.

posted by : pritish sahay

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