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बंगाल के पुजारियों को हर महीने भत्ता देगी ममता सरकार, जानिए कितना मिलेगा पैसा

Bengal news, Kolkata news : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) राज्य के पुजारियों को 1000 रुपये मासिक भत्ता देने की घोषणा की है. राज्य सचिवालय, नबान्न में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड (Waqf board) की ओर से इमामों एवं मोआज्जिनों को भत्ता दिया जाता है, लेकिन निर्धन सनातनी पंडितों के लिए कुछ नहीं था. कई तो बेहद जरूरत हैं. महीने में एकाध पूजा कराने का उन्हें अवसर मिलता है. जिससे उन्हें गुजर-बसर करने में काफी कठिनाई होती है. ऐसे 8 हजार जरूरतमंद सनातनी पंडितों को चिह्नित किया गया है. उन्हें महीने में राज्य सरकार की ओर से 1000 रुपये दिये जायेंगे. वहीं, मुख्यमंत्री के इस घोषणा पर बंगाल भाजपा ने कटाक्ष किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2020 8:07 PM
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Bengal news, Kolkata news : कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) राज्य के पुजारियों को 1000 रुपये मासिक भत्ता देने की घोषणा की है. राज्य सचिवालय, नबान्न में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड (Waqf board) की ओर से इमामों एवं मोआज्जिनों को भत्ता दिया जाता है, लेकिन निर्धन सनातनी पंडितों के लिए कुछ नहीं था. कई तो बेहद जरूरत हैं. महीने में एकाध पूजा कराने का उन्हें अवसर मिलता है. जिससे उन्हें गुजर-बसर करने में काफी कठिनाई होती है. ऐसे 8 हजार जरूरतमंद सनातनी पंडितों को चिह्नित किया गया है. उन्हें महीने में राज्य सरकार की ओर से 1000 रुपये दिये जायेंगे. वहीं, मुख्यमंत्री के इस घोषणा पर बंगाल भाजपा ने कटाक्ष किया है.

अक्टूबर माह से पुजारियों को मासिक भत्ता मिलना शुरू हो जायेगा. इसके अलावा जिन पंडितों के पास घर नहीं है उनके लिए बांग्ला आवास योजना के तहत घर भी बनाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार के इस कदम को लेकर अन्य कोई निष्कर्ष ना निकाला जाये. अन्य धर्म के पुरोहित भी यदि आवेदन करते हैं, तो सरकार उस पर विचार करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्मावलंबियों की ओर से उनके पास इस संबंध में आवेदन आया था. उनके लिए कोलाघाट में जमीन भी दी गयी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से महातीर्थ भूमि, महापूर्ण भूमि परियोजना भी शुरू की जा रही है. इसके तहत अवेहलना का शिकार हो रहे मंदिरों, तीर्थ स्थानों को चिह्नित कर उनकी मैपिंग की जायेगी. इसके बाद उनके पुनरुत्थान का कार्य किया जायेगा. मैपिंग के बाद यह तय किया जायेगा कि किसके पुनरुत्थान का कार्य सरकार करेगी या फिर कौन सा पब्लिक- प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिये या फिर इलाके के लोगों को शामिल करके किया जायेगा.

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भाजपा का कटाक्ष, कहा : चुनाव आये, तो पुरोहित और हिंदी भाषी याद आये

भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पुरोहितों को मासिक भत्ता एवं हिंदी अकादमी जैसी घोषणाओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब चुनाव आये, तो ममता को पुरोहित और हिंदी भाषी याद आ रहे हैं. यह पूरी तरह से चुनाव झुनझुना है. भाजपा महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने कहा कि जैसे- जैसे चुनाव आयेंगे, वैसे-वैसे ममता जी घोषणा करती जायेंगी. जिन लोगों और जिन समाज की पूरे कार्यकाल में उपेक्षा की, जिनका शोषण किया, उनलोगों को प्रलोभन देने की कोशिश की जायेगी.

अब जब चुनाव का समय आया, तो पुरोहित याद आये. चुनाव आ रहे हैं, तो हिंदी भाषी याद आये गये. नहीं तो बाहर के लोग, बाहर के लोग की बातें कर हमेशा अपमानित करने वाली ममता जी आज वोट के लिए कैसे घुटने टेक रही हैं. यह इसका सबसे अच्छा उदाहरण है. साथ ही कहा कि तुष्टिकरण के आधार पर 30 फीसदी लोगों को सारी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाकर 70 फीसदी लोगों की उपेक्षा करने वाली मुख्यमंत्री अब लीपापोती करने की कोशिश कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा का नारा है सबका साथ, सबका विकास. हमारी सरकार ने केंद्र की योजनाएं चाहे आवास योजना हो, प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना हो या फिर किसान सम्मान निधि हो. सभी वर्ग और जाति और भाषा के लोगों को समान रूप से केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिलवाया है. सिर्फ 30 फीसदी लोगों को संरक्षण प्रदान करने वाली ममता जी अब सबको लुभाने का ढोंग कर रही है. अगर ये सारी घोषणा करनी थी, तो वर्ष 2011 से अभी तक इन लोगों की याद क्यों नहीं आयी?

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उन्होंने कहा कि पहले भी हिंदी भाषियों के लिए अकादमी बनायी थी. अभी तक अकादमी को सरकार ने कितना संरक्षण दिया? कितना पैसा दिया? अभी तक के काम तो बतायें. अब यह अकादमी क्या करेगी? हमें तो यह सिर्फ चुनावी झुनझुना लगता है.

Posted By : Samir Ranjan.

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