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बरेली में बंदर के हमले से पश्चिमी बंगाल का सराफा कारीगर छत से गिरा, पहले भी मंकी ले चुके हैं कई की जान…

पुलिस ने शव कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है.बरेली में बंदर पहले भी कई लोगों की जान ले चुके हैं.मगर, इसके बाद भी नगर निगम बंदरों को पकड़ने को लेकर फिक्रमंद नहीं.जिसके चलते लगातार ऐसे हादसे हो रहे हैं.

बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली के कोतवाली थाना क्षेत्र के बिहारीपुर में बंदर के हमले से बचने को लेकर एक सराफा कारीगर की छत से गिर कर मौत हो गई. सराफा कारीगर को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया.मगर, डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.इससे परिवार में कोहराम मच गया.पश्चिमी बंगाल के हुबली जिला निवासी सराफा कारीगर शहर के सिविल लाइंस स्थित एक सर्राफा कारोबारी के यहां काम करता था. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है.बरेली में बंदर पहले भी कई लोगों की जान ले चुके हैं.मगर, इसके बाद भी नगर निगम बंदरों को पकड़ने को लेकर फिक्रमंद नहीं.जिसके चलते लगातार ऐसे हादसे हो रहे हैं.

परिवार के लोग बरेली के लिए रवाना

पश्चिम बंगाल के हुबली जनपद के शीगरार थाना क्षेत्र के राजा रामबली निवासी रूपचंद (32 वर्ष) सोने-चांदी के कारीगर हैं.वह सोने- चांदी के सामान बनाने का काम करता था.शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र के बिहारीपुर निवासी आलोक के मकान में किराए पर रहते थे.सोमवार को रूपचंद मकान की तीसरी मंजिल की छत पर गए थे.इसी दौरान छत पर बंदर आ गए.उन्होंने रूपचंद को घुड़की दी.वह बंदरों की दहशत में मकान की छत से गिर गए.उनको तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया.मगर, डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. घटना की सूचना पर पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया.इसके बाद पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.हालांकि, मृतक के परिवार को इसकी सूचना दे दी गई है.परिवार में कोहराम मच गया.परिवार के लोग बरेली के लिए रवाना हो गए हैं.

बंदरों ने गोद से फेंक दिया था बच्चा

बरेली के दुनका में 17 जुलाई को किसान निर्देश उपाध्याय अधिक गर्मी होने के कारण अपने चार माह के बेटे को गोद में लेकर छत पर गए थे. यहां वह उसे रोज की तरह लेकर टहल रहे थे. शाम करीब आठ बजे वह बेटे, और पत्नी स्वाती के साथ थे.इसी दौरान अचानक बंदरों का झुंड छत पर आया, तो उन्होंने आवाज लगाकर भगाने का प्रयास किया.मगर, इतने में कुछ बंदरों ने स्वाती पर झपट्टा मार दिया. वह बचकर नीचे भाग गईं.यहां कुछ बंदरों ने निर्देश को घेर लिया, जब तक वह कुछ समझ पाते,तब तक बंदरों ने उन पर हमला बोल दिया.बंदरों ने उन्हें कई जगह काटा. इसलिए वह भी सीढ़ियों की तरफ भाग रहे थे.इधर हमले से हड़बड़ाए निर्देश की गोद से उनका बेटा छिटक रहा था. इतने में बंदर ने उसे झपटकर उछाल दिया. कुछ ही पलाें में निर्देश और स्वाती की दुनिया उजड़ गई थी. उनका बेटा हमेशा के लिए दुनिया से चला गया.यहां पर बंदरों ने गौरव की बेटी अंजनि, मुनीष की छह वर्षीय बेटी सृष्टि को भी काट लिया है.

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किसान की बंदरों के हमले में गई थी जान

शाही थाना क्षेत्र के दुनका गांव निवासी मुकेश (40 वर्ष) खेती किसानी करते थे.वह शाम को खेत से लौटकर आए, तो खाना खाकर छत पर सोने के लिए चले गए. उन्होंने छत पर टीन डाली हुई थी.उसके नीचे वह सोते थे.मृतक मुकेश के भाई विजय ने बताया कि, रात में उठे, तो छत पर बैठे बंदरों ने उन पर हमला कर दिया. हमले से बचने के लिए वह भागे तो छत से नीचे जा गिरे.उनके सिर में गंभीर चोट आई.खून बहने लगा.इसके साथ ही पैर भी फट गया. रात में अचानक मुकेश के नीचे गिरने से तेज धमक हुई, तो परिवार वाले भागे.आनन-फानन में उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया. यहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.

बंदरों के हमला से 1590 लोग घायल

हर कोई बंदरों के आतंक से परेशान है.पिछले एक वर्ष में बंदर 1590 लोगों पर हमला कर चुके हैं.इसमें सबसे अधिक बंदरों ने जुलाई में काटा है.जिला अस्पताल में रेबीज वैक्सीन लगवाने आए लोगों के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में 394 लोगों को बंदरों ने काटा, अगस्त में 276 और सितंबर में 210 लोगों को काटा था. औसतन बंदरों को काटने वाले हर दिन पांच से छह लोग आ रहे हैं.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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