रांची : मांडर उपचुनाव में कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की ने जीत हासिल की है. कांग्रेस को मांडर विधानसभा में जीत हासिल करने के लिए 22 साल लंबा इंतजार करना पड़ा. इससे पहले साल 2000 में राज्य गठन से पूर्व हुए चुनाव में देवकुमार धान ने कांग्रेस से चुनाव जीता था. राज्य गठन से पूर्व श्री धान ने भाजपा प्रत्याशी दिवाकर मिंज को महज 2412 वोटों से हराया था.
श्री धान वर्तमान में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी थे. खास बात यह है कि पिछले चुनाव से इस बार लगभग पांच प्रतिशत वोट कम पड़े थे. गौरतलब है कि मांडर उपचुनाव में कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की ने जीत हासिल कर ली है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में बंधु तिर्की की विधायकी जाने के बाद हुए उपचुनाव में उनकी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर को 23,517 वोटों के अंतर से हराया. कुल 216770 वोटों में से शिल्पी को 95062 वोट मिले. वहीं, गंगोत्री को 71545 वोटों से ही संतोष करना पड़ा.
शिल्पी नेहा को मिले वोट
95,062 (43.85% वोट)
गंगोत्री कुजूर
71,545 वोट मिले (33.01% वोट)
देवकुमार धान
22,395 वोट मिले
नोटा में
2,633 वोट
2019 के चुनाव में पिता बंधु तिर्की की तुलना में शिल्पी को ज्यादा वोट मिले
उपचुनाव में वोट प्रतिशत 62.1%
पिछला चुनाव 2019 में वोट 67.58%
जीत की घोषणा होते ही शिल्पी नेहा तिर्की अपने पिता बंधु तिर्की से जा लिपटी. झारखंड िवधानसभा में शिल्पी 11वीं महिला विधायक होंगी
शिल्पी तिर्की की जीत झारखंड और झारखंडियत की जीत है. धनबल, झूठ, छल, अहंकार और शोषण की राजनीति को मांडर की जनता ने चारों खाने चित्त कर दिया. शिल्पी को अनेक-अनेक बधाई. मांडरवासियों को भी धन्यवाद.
हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि भाजपा ने साजिश कर बाबा (बंधु तिर्की) को फंसाया़ मात्र छह लाख रुपये का झूठा आरोप लगाया गया़ 600 करोड़ का घोटाला करनेवाले बाहर हैं. मांडर की जनता ने सच समझ लिया़ बंधु तिर्की के संघर्ष के साथ खड़ी है़ यहां के लोगों के मुद्दों को भाजपा दरकिनार करती रही है़ आनेवाले दिनों में भी सोनिया गांधी-राहुल गांधी के नेतृत्व में संघर्ष करेंगे़ झारखंड के लोगों को हक दिलायेंगे.
Posted By: Sameer Oraon