बौंसी मंदार तराई में लगे रोपवे परिचालन की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है. यही वजह है कि पिछले दो सप्ताह से बंद रोपवे का परिचालन अब तक आरंभ नहीं हो पाया है. आरआरपीएल और राइट्स के बीच रुपया बकाया को लेकर अब तक किसी भी तरह का समाधान नहीं हो पाया है. हालांकि पिछले तीन दिनों पूर्व आरआरपीएल के दो कर्मी मंदार पहुंचे थे. जिनमें से जांच के बाद एक कर्मी को पुनः हटा दिया गया.
बताया जाता है कि मेंटेनेंस से संबंधित जानकारी हटाये गये कर्मी के पास नहीं थी. दो सप्ताह से बंद रोपवे परिचालन से जहां दूरदराज से आये सैलानियों में निराशा हो रही है, वहीं इसके बंद रहने से विभाग को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है. एक अनुमान के मुताबिक अब तक इसके बंद रहने से तीन लाख से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.
पर्यटन विभाग की पहल पर राइट्स और आरआरपीएल के बीच रुपये के लेन-देन को समाप्त करने की पहल की जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द रोपवे का परिचालन सुचारू रूप से आरंभ हो जायेगा. हालांकि इसके लिए आरआरपीएल को कुछ जरूरी कागजात जमा करने के निर्देश भी दिये गये हैं.
मालूम हो कि आरआरपीएल की मेंटेनेंस अवधि मई माह में समाप्त होने वाली थी, लेकिन लगातार रोपवे परिचालन बंद रहने के कारण मेंटेनेंस अवधि को तय समय तक आरआरपीएल पूरा नहीं कर पायेगी, प्रति माह करीब 6 लाख मेंटेनेंस के लिए पर्यटन विभाग आरआरपीएल को देती है.
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बिजली बिल व अन्य मेंटेनेंस कार्य के लिए पर्यटन विभाग का रुपया रोपवे परिचालन में खर्च होता है. इस संबंध में रोपवे प्रबंधक दीपक कुमार ने बताया विभागीय स्तर पर रोपवे परिचालन आरंभ करने के लिए प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही इसे आरंभ कर दिया जायेगा. संभावना जताई जा रही है कि तीन-चार दिनों के अंदर इसका परिचालन आरंभ हो सकता है.