कानपुर: थाईलैंड मॉडल पर मंधना-शुक्लागंज तक बनेगी फोरलेन सड़क, टिकाऊ होने के साथ कम घिसेंगे वाहनों के टायर
कम लागत में गुणवत्ता पूर्ण सड़क के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से थाईलैंड की तकनीक से सड़क निर्माण की पहल की गई है. कानपुर के लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक थाईलैंड में रबर के पेड़ों की अधिकता पाई जाती है. इनमें से निकलने वाली रबर का उपयोग सड़क निर्माण में किया जाता है.
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में मंधना से गंगा बैराज होते हुए लखनऊ हाइवे तक 17 किलोमीटर लंबे फोरलेन सड़क का निर्माण रबर प्रक्रिया से होगा, जिससे सड़क टिकाऊ होगी और वाहनों के टायर भी कम घिसेंगे. इसके साथ ही यातायात में सुगमता रहेगी. इस तकनीक का इस्तेमाल थाईलैंड में किया जाता है. लोक निर्माण विभाग के अधिकारी फोरलेन सड़क निर्माण में इस तकनीक का प्रयोग करने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए अनुमति मुख्यालय से मांगी गई है. अधिकारियों के मुताबिक मंधना, बिठूर, शुक्लागंज के 17 किलोमीटर के मार्ग को 162 करोड़ की लागत से फोरलेन बनाया जाएगा. अभी यह सड़क दो लेन की है, इसकी चौड़ाई 7.5 मीटर है. फोरलेन बनाते समय बीच में डिवाइडर बनाया जाएगा, जिसके बाद डिवाइडर के एक तरफ की चौड़ाई 8.5 मीटर की होगी. फोरलेन के दोनों तरह 2-2 मीटर का फुटपाथ भी बनाया जाएगा. इससे यातायात व्यवस्था बेहतर तरीके से संचालित हो सकेगी.
कम लागत में गुणवत्तापूर्ण सड़क
कम लागत में गुणवत्ता पूर्ण सड़क के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से थाईलैंड की तकनीक से सड़क निर्माण की पहल की गई है. कानपुर के लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक थाईलैंड में रबर के पेड़ों की अधिकता पाई जाती है. इनमें से निकलने वाली रबर का उपयोग सड़क निर्माण में किया जाता है.
इससे सड़क और यातायात संचालन सुगम रहता है. साथ ही वाहनों के टायर क्षतिग्रस्त होने का संभावना नाममात्र की होती है. फोरलेन सड़क निर्माण के लिए 10 प्रतिशत हिस्सा रबर तकनीक से बनाने की योजना तैयार की जा रही है. मुख्यालय से अनुमति आने के बाद इस तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा.