Mangla Gauri Vrat 2022: हिंदू धर्म में सावन का महीना विशेष महत्व रखता है और इस दौरान आने वाले कोई भी व्रत त्यौहार भी उतने ही ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं. कहा जाता है सावन का यह महीना भगवन शिव को बेहद ही प्रिय होता है. भगवान शिव के साथ-साथ यह महीना माँ गौरी को भी बेहद ही प्रिय होता है. ऐसे में इस दौरान मां गौरी से संबंधित एक बेहद ही खास व्रत इस महीने में पड़ता है. इस व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है. सावन में पहला प्रथम मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई 2022 को पड़ेगा.
सावन के महीने में मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत किया जाता है. इस वर्ष सावन का महीना 25 जुलाई रविवार से प्रारंभ हो रहा है. ऐसे में 19 जुलाई को सावन माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि दिन मंगलवार के दिन पहला मंगला गौरी व्रत पड़ रहा है. इस दिन मां मंगला की विधि विधान से पूजा का नियम बताया गया है. कहते हैं जो कोई भी स्त्री ऐसा करती है उसे अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है.
माँ मंगला अर्थात पार्वती माता की पूजा के लिए सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद पूजा प्रारंभ करें. पूजा स्थल पर लाल रंग का साफ़ कपड़ा बिछा लें. अब उस पर मां मंगला यानी कि मां पार्वती की कोई तस्वीर, प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें. उसके बाद विधि विधान से मां पार्वती की पूजा करें. इस दिन का व्रत फलाहार रहा जाता है और शाम को एक बार अन्न ग्रहण किया जा सकता है. मां मंगला को 16 अंक अतिप्रिय है, इसलिए 16 श्रृंगार की चीजें पूजा में चढ़ाएं. पूजा में मंगला गौरी व्रत की कथा जरूर सुनें या पढें और आखिर में आरती करें. मंगला गौरी व्रत में पूरे दिन में केवल एक बार भोजन करना चाहिए और नमक का त्याग करें.
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
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