बीरभूम, मुकेश तिवारी. पश्चिम बंगाल में एक आम करीब 11 हजार रुपये में खरीदा गया है. जी हां, यह मामला बीरभूम के दुबराजपुर का बताया जा रहा है. आम की एक दुर्लभ प्रजाति को पहली बार जापान के क्यूशू, मियाज़ाकी शहर में फलों में देखा गया था. जिसके बाद इस आम का नाम मियाज़ाकी (Miyazaki Mango) पड़ गया. यह आम इतना कीमती है कि 2 लाख 50 हजार रुपये से 2 लाख 70 हजार रुपये प्रति किलो के भाव बिकता है. इतनी बड़ी कीमत के लिए मियाज़ाकी को दुनिया का सबसे महंगा आम कहा जाता है. मियाज़ाकी आम को जापान में ताइयो-नो-तमागो के नाम से भी जाना जाता है. कुछ लोग इस आम को सूरज का अंडा भी कहते हैं.
दुनिया का यह सबसे महंगा आम बीरभूम में कहीं नहीं देखा गया, बीरभूम की तो बात ही छोड़िए, कोई सोच भी नहीं सकता कि इतने महंगे आम की खेती पश्चिम बंगाल में कहीं भी होती है. दुर्लभ प्रजाति होने के कारण यह आम इतना महंगा है. इन आमों में एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड होता है. इससे आंखों की थकान दूर होती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है. इस दुर्लभ प्रजाति का एक आम का पेड़ बीरभूम जिले के दुबराजपुर के बनकाठी पाड़ा के इस्लामपुर के 11 नंबर वार्ड स्थित गौसिया मस्जिद परिसर में फला है.
मस्जिद के लोगों के मुताबिक सैयद निजामुद्दीन उर्फ सोना नाम के युवक ने कहीं से आम का यह पेड़ लाकर मस्जिद के सामने लगा दिया था. आम का पेड़ लगाने के एक साल के भीतर ही युवक की मौत हो गई थी. पहले तो मस्जिद के लोगों को इस आम के पेड़ का महत्व समझ नहीं आया. बाद में जब आम का पेड़ बड़ा होता है और आम लगने लगते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि यह दुनिया का सबसे महंगा आम का पेड़ मियाज़ाकी है.
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इस साल आम के पेड़ में 8 से 10 आम के फल लगे है और उनमें से एक आम शुक्रवार को पेड़ से तोड़ लिया गया जिसे जुमे की नमाज के बाद नीलाम किया गया है. मिर्जा एजाज बेग उर्फ पोपिन नाम के युवक ने नीलामी में महंगा आम खरीदा. नीलामी में इस आम की सबसे ज्यादा बोली 10,600 रुपए लगी थी. आम खरीदने के बाद मिर्जा एजाज बेग ने कहा कि वह यह आम खरीदने आए थे. वह आम खरीदने और किसी भी कीमत पर घर ले जाने के इरादे से नमाज अदा करने के लिए मस्जिद आए थे. उसने 10,600 रुपए में आम खरीदा है. इतने पैसे में आम खरीदकर वह क्या करेगा? इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि वह आम खाने के बाद आम के तने से पौधे बनाएंगे.