श्रुतिकांत, सहरसा : कोरोना काल ने अच्छे-अच्छों की पहचान सामने लाकर रख दी. सामान्य दिनों में फ्रंट लाइन पर रह चेहरा दिखाने वाला नेपथ्य में चला गया और जो अब तक नेपथ्य में था, वह सड़कों पर उतर लोगों का दिल जीत लिया. बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद उन्हीं चंद चेहरों में सबसे आगे है, जिसने अपनी ख्याति व व्यस्त जीवन को दरकिनार कर जरूरतमंद लोगों की सेवा में सबसे आगे रहे. सोनू की मदद से मुंबई में रह रहा सहरसा का लड़का मनीष भी सुरक्षित अपने घर पहुंच सका.
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उस आपाधापी में धैर्य व हौसला रखने की बात कह सोनू ने मनीष पर ऐसा प्रभाव डाला कि मनीष उसे भगवान मानने लगा है. अन्य देवी-देवताओं की तरह उसकी पूजा करने लगा है. करूण हृदय व देवदूत हैं सोनू सूदमनीष अपने पूजा घर में हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की तस्वीर के बीच एक्टर सोनू सूद की तस्वीर भी रखा है. रोज के पूजा के बाद उसकी आरती की थाली उस तस्वीर पर भी घूमती है. वह अंतरात्मा से उसे ईश्वर मान चुका है. कहता है कि कोरोना संक्रमण के इस काल में मुंबई की दशा किसी से छिपी नहीं है. रोज सैकड़ों की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं तो दर्जनों की मौत भी हो रही है.
अब ए सिप्टोमिक के मामले सबसे अधिक हैं. बस्ती के बस्ती पीड़ित हो रहे हैं. औद्योगिक राजधानी होने व धनाढ्यों की कमी नहीं होने के बाद भी मदद को कोई आगे नहीं आ रहा है. वहां की सरकार भी नियम-कानूनों में उलझ कर रह गयी है. ऐसे में सोनू सूद जैसे एक्टर का सड़क पर उतरना व 18 से 20 घंटे तक सड़क पर रह प्रवासियों को उनके घर भेजने की व्यवस्था करना उन्हें देवदूत बनाता है.
मुख्य बातें-
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सोनू सूद को भगवान मान पूज रहा है मनीष
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देश में नहीं है ऐसा कोई दूसरा मददगार- मनीष
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मनीष की मां को जवाब देते सोनू ने कहा-
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किस्मत रही तो आपके घर आकर खाना जरूर खाऊंगा
सूद के प्रयास से अब तक 15 हजार से अधिक प्रवासी अपने घर पहुंच चुके हैं. जबकि अभी भी रोज लोगों का जाना जारी है. प्रेरक है प्रवासियों के लिए हमदर्दसोनू सूद की बस से पटना तक पहुंचने के बाद मनीष ट्रेन से सहरसा पहुंचा. जहां हेल्थ चेकअप के बाद अब वह होम कोरेंटिन में है. मनीष ने सोनू को घर पहुंचने की जानकारी ट्वीट कर दी. मनीष की मां ने भी सोनू का आभार जताया व आजन्म ऋणी होने की बात कही.
मनीष की मां के ट्वीट का सोनू ने जवाब दिया और कहा कि मम्मी जी, मुझे बहुत खुशी है कि मैं एक मां को उसके बेटे से मिलवा पाया. किस्मत रही तो आपके घर आकर खाना जरूर खाऊंगा. मनीष की मां ने कहा कि कि सोनू सूद के प्रयास से ही उनका बेटा सुरक्षित घर पहुंच सका है. टेलीविजन और अखबारों में मुंबई के हालात देख मन हमेशा घबराता रहता था.
फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम होने के बाद भी सोनू का प्रवासियों के लिए हमदर्द, अंतरात्मा से सहयोग की भावना प्रत्येक इंसान के लिए प्रेरक व अनुकरणीय है. हर किसी को किया गया सूद का ट्वीट विपरीत परिस्थितियों में भी नयी ऊर्जा देता है.
Posted by Pritish Sahay