सरायकेला में मनसा पूजा पर निया माड़ा धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन, आग के अंगारों पर भक्त चले नंगे पांव
लोगों की मानें तो मन व आत्मा की शांति के लिए शरीर को कष्ट देने से हठ भक्तों को सुकून मिलता है. इसे वो भगवान की महिमा मानते हैं.
शचिंद्र कुमार दाश, खरसावां:
खरसावां के लोसोदिकी गांव में मां मनसा की पूजा विधि विधान के साथ किया गया. वर्षो से चली आ रही परंपरा के अनुसार निया माड़ा धार्मिक अनुष्ठान का भी आयोजन किया गया. निया माड़ा में भक्तों ने उपवास व व्रत रखकर जलते आग के अंगारों पर नंगे पांव चले. मनसा देवी से मांगी गयी मन्नतें पूरी होने की खुशी में ये परंपरा किया जाता रहा है. ढोल व नगाड़े की थाप पर आग के जलते शोलों पर चलने वालों में महिला, बुजुर्ग समेत कई लोग शामिल हुए. कई महिलाएं ने अपनी गोद में बच्चे को लेकर आग पर चली.
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सभी भक्तों ने अपने शरीर को कष्ट देकर अपने आराध्य देवी मां मनसा से किया वायदा पूरा किया. लोगों की मानें तो मन व आत्मा की शांति के लिए शरीर को कष्ट देने से हठ भक्तों को सुकून मिलता है. इसे वो भगवान की महिमा मानते हैं. उनका कहना है कि आग में चलने के बावजूद आज तक किसी भक्त को साधारण सेप्टीक जैसी बीमारी भी नहीं हुई. न ही कभी उनके पैर में छाले पड़े. हठ भक्ति की इस दृश्य को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. इस धार्मिक अनुष्ठान में स्थानीय विधायक दशरथ गागराई भी पूरे परिवार के साथ शामिल हुए.