Exclusive: गन्स एंड गुलाब्स के बाइक चेसिंग सीन में लगा खाई में गिर जाऊंगा- मनुज शर्मा

वेब सीरीज गन्स एंड गुलाब्स में अभिनेता मनुज शर्मा अहम किरदार निभा रहे हैं. मनुज ने अपने किरदार को मिल रहे रिस्पांस को लेकर कहा, अभी तक का रिस्पांस अच्छा मिल रहा है. काफी अलग - अलग जगह से काफी अलग - अलग कॉल्स आ रहे हैं.

By कोरी | August 27, 2023 12:30 PM
an image

ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर इनदिनों वेब सीरीज गन्स एंड गुलाब्स स्ट्रीम कर रही है. राज एंड डीके निर्देशित इस गैंगस्टर ड्रामा सीरीज में अभिनेता मनुज शर्मा भी अहम भूमिका में नजर आ रहे हैं. इस भूमिका के लिए जिस तरह से इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का रिएक्शन आ रहा है. मनुज को यकीन है कि यह सीरीज उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बन सकती है. इस शो से उनके जुड़ाव, शूटिंग के अनुभव सहित कैरियर पर हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

आपके किरदार के लिए अब तक का आपको रिस्पांस कैसा मिल रहा है?

अभी तक का रिस्पांस अच्छा मिल रहा है. काफी अलग – अलग जगह से काफी अलग – अलग कॉल्स आ रहे हैं. इंडस्ट्री के कई राइटर्स और डायरेक्टर्स हैं ,जिनके मैसेज आये हैं. उन्हें ना सिर्फ मेरा काम पसंद आया है, बल्कि मेरे और राज के बीच की ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री भी बहुत पसंद आयी है. उनका कहना है कि देखकर ऐसा लग रहा है कि दोनों एक – दूसरे के साथ बहुत सालों से काम कर रहे हैं.

यह सीरीज किस तरह से आप तक पहुंची?

उस वक़्त मैं विक्रम वेधा के हिंदी रिमेक की शूट शुरू करने जा रहा था. उसी दौरान कास्टिंग बे का मुझे कॉल आया कि आपको इस सीरीज में काम करने की रूचि है , मैंने हां कहा क्योंकि हमेशा से मैं राज एंड डीके के साथ काम करना चाहता था. मैंने ऑडिशन दिया और मैं शार्ट लिस्ट भी हो गया, लेकिन दिक्कत शुरुआत में ये आयी कि विक्रम वेधा और गन्स एंड गुलाब्स की शूटिंग लगभग एक साथ ही शुरू होने वाली थी. अच्छी बात ये थी कि दोनों प्रोडक्शन हाउस ने मिलकर रास्ता निकाल लिया. दस दिनों वहां शूट करता था,तो दस दिन वहां. मैं कभी देहरादून होता था तो कभी लखनऊ में. देहरादून में गन्स एंड गुलाब्स की शूटिंग हो रही थी और लख़नऊ में विक्रम वेधा की. विक्रम में पुलिस वाला बना था,तो इसमें में गैंगस्टर. दोनों किरदार बिलकुल अलग थे, तो एक्टर के तौर पर बहुत मज़ा आ रहा था.

जैसा कि आपने बताया कि आपकी और राजकुमार की केमिस्ट्री की सभी तारीफ कर रहे हैं, एक्टर के तौर पर आप उन्हें कैसे परिभाषित करेंगे?

मैंने बहुत सारे लोगों के साथ काम किया है , लेकिन मैंने राजकुमार राव जैसे अच्छा को एक्टर आज तक नहीं देखा. उनमें जीरो परसेंट असुरक्षा की भावना है. आप अगर कुछ बदलाव करना चाहते हैं ,तो वह आपको पूरा मौका देंगे. वो पूरे समय सीन के बारे में ही बात करते रहते हैं कि ये सीन किस तरह से करें. इससे एक थिएटर वाली फीलिंग भी आने लगी थी. थिएटर में काम करने का यही तरीका होता है.

क्या आप दोनों एक दूसरे को थिएटर के दिनों से जानते हैं?

नहीं,मैं उसी थिएटर ग्रुप से जुड़ा हूं ,जिसका कभी वो हिस्सा थे. वो मेरे सीनियर्स थे. उनके किये गए नाटकों को मैं करता था. जो रोल वो करके गए थे. वो रोल मैंने भी किये थे. सेट पर जब मैंने उनके साथ एक्टिंग की तो मुझे समझ आया कि राजकुमार राव राजकुमार राव क्यों हैं. एक जगह पहुंचने के बाद उनकी मेहनत कम नहीं बल्कि तिगुना बढ़ गयी है. वो चीज़ों को और ज़्यादा सीरियसली लेते हैं और अच्छे से करने की कोशिश करते हैं.

राजकुमार आपके सीनियर थे, तो क्या सीन करते हुए प्रेशर था?

उस चीज़ का मुझे कभी प्रेशर नहीं आया. मेरी पहली फिल्म में भूतनाथ रिटर्न में मेरा पहला सीन अमिताभ बच्चन सर के साथ था, लेकिन मैंने कभी प्रेशर नहीं लिया. मेरे लिए हमेशा वो मेरे को एक्टर होते हैं, उसके बाद वो सुपरस्टार या स्टार होते हैं.

इस सीरीज की सबसे मुश्किल दृश्य कौन सा था?

मैंने विक्रम वेधा और इस सीरीज की शूटिंग साथ – साथ की दोनों में एक्शन था. दोनों में गोलियां चलानी थी, लेकिन यहां पर बाइक भी चलानी थी. पहले दिन बहुत डरा हुआ था बाइक चैसिंग के सीन में डर था कि थोड़ा भी इधर -उधर हुआ तो स्लिप होकर सीधे खाई में चला जाऊंगा, लेकिन इतनी सुरक्षा के साथ वह सीन शूट हुआ कि डर ही खत्म हो गया. उसके बाद बाइक सीन में सहज हो गया था.

यह शो 90 के दशक पर आधारित है, उस दौर की सबसे अच्छी बात आपको क्या लगती थी?

९० के दशक में मैं बहुत छोटा था, लेकिन जो भी याद आता है. वो ये कि लाइफ थोड़ी स्लो थी. आप ज़िन्दगी जी रहे थे. गर्मी आयेगी तो सभी साथ में मिलकर आम आएंगे. आज सोशल मीडिया और फ़ोन की वजह से सब अपने -अपने ट्रैक पर हैं. एक बॉन्डिंग खत्म हो गयी है. सब बस फ़ोन पर लगे पड़े हैं. मैं जॉइंट फॅमिली में पला – बढ़ा हूं, तो रिश्तों की आपस में बॉन्डिंग मेरे लिए बहुत खास है. 90 की वही बात मुझे सबसे खास लगती है.

राज और डीके को मेकर्स के तौर पर क्या बात अलग बनाती है?

उन्होने पब्लिक के बीच इतना अच्छा अपना कॉम्बिनेशन बनाया है कि आप उनकी शक्ल से कन्फूजन में आ जाते हैं कि कौन राज है या कौन डीके वे पति पत्नी की तरह हैं ऐसा लगता ही नहीं कि दोनों पर्सनालिटी अलग अलग है. डबिंग से लेकर राइटिंग सभी साथ में वह रहते हैं. उनके बीच भी मनमुटाव होता है, लेकिन वो ईगो से नहीं हेल्थी डिस्कशन से इसे दूर करते हैं. गन्स एंड गुलाब्स टाइप का वर्ल्ड मैंने कभी नहीं देखा है. उन्होंने एकअलग ही दुनिया क्रिएट की है. हर बार वो कुछ नया करने की कोशिश करते हैं. आमतौर पर वेब सीरीज में बहुत सेक्सुअल कंटेंट होता है,लेकिन राज एंड डीके को अपने ह्यूमर और क्राफ्ट पर इतना भरोसा है कि इस सीन की ज़रूरत ही उन्होने अपनी सीरीज में नहीं समझी. सीरीज में एक किसिंग सीन तक नहीं है. 90 के दशक वाले शो में टीवी और एंटीना को लगभग हर शो में दिखाया गया है, लेकिन उन्होने अपनी इस सीरीज में उसे नहीं दिखाया है, बल्कि लाइब्रेरी वाले सीन को जगह दी है.

आपकी अब तक की जर्नी को किस तरह से परिभाषित करेंगे?

मेरा करियर काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है. थिएटर बैकग्राउंड से होने के बावजूद मुझे पहला मौका मिलने में चार साल का इंतजार करना पड़ा. इस दौरान अलग – अलग जॉब्स भी किए, लेकिन मैंने सिनेमा के इर्द – गिर्द ही काम किया. टीवी पर इंडिया ड्रामेबाज करके एक शो आता था. उसको स्टेज पर डायरेक्ट करता था. कास्टिंग भी की है. एक फिल्म भी लिखी है. मुझे राइटिंग में मज़ा आता है तो आगे भी मैं ये करता रहूंगा.

जब काम कर रहे हैं, लेकिन वो पहचान नहीं मिल रही है, ऐसे में सपोर्ट सिस्टम क्या रहा है?

दोस्तों का बहुत साथ रहा है. उन्होने बहुत सपोर्ट किया. मेरी फ़िल्में नहीं चली, लेकिन मेरे काम को हमेशा लोगों ने सराहा है, तो जेहन में ये बात भी चलती रहती थी कि बस एक प्रोजेक्ट क्लिक करने की देरी है.

क्या फैमिली का दबाव नहीं था कि कुछ और कर लो?

मुझे हमेशा से करना यही था, क्योंकि मुझे क्राफ्ट से प्यार है. कॉलेज में जब मैं थिएटर ग्रुप से जुड़ने जा रहा था. उस वक़्त मेरे पापा को मेरे थिएटर से जुड़ने से ऐतराज था, लेकिन एक बार एक प्ले में मेरा परफॉरमेंस देखकर वह रो पड़े और प्ले खत्म होने के बाद कहा कि तू इसमें अच्छा करेगा. उसके बाद से फिर उन्होने मुझे सपोर्ट ही किया.

आपके आनेवाले प्रोजेक्ट्स?

पूजा मेरी जान की डबिंग खत्म हुई है. एक इंडिपेंडेंट फिल्म है, जो इनदिनों फेस्टिवलस में दिखायी जा रही है. मिर्जापुर के निर्देशक गुरमीत सिंह की वेब सीरीज पान पर्दा जर्दा है. यह अगले महीने से शूटिंग फ्लोर में जा रही है. ये तीनों में मैं बिलकुल ही अलग -अलग किरदार करने जा रहा हूं.

Exit mobile version