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झारखंड के लातेहार से जुड़ी हैं पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी की कई यादें, बेतला पार्क में की थी हाथी की सवारी

सोमवार (16 अगस्त, 2021) को पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि मनायी गयी. स्वर्गीय वाजपेयी की झारखंड के लातेहार से कई यादें जुड़ी हैं. बेतला नेशनल पार्क में जहां हाथी की सवारी किये थे, वहीं कोयल नदी के किनारे सांगठनिक बैठक में शामिल भी हुए थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2021 5:35 PM
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Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary (आशीष टैगोर, लातेहार) : 16 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि है. पूरे देश में स्वर्गीय वाजपेयी की स्मृति में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जा रही है. नई दिल्ली के सदैव अटल समाधि स्थल पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने स्वर्गीय वाजपेयी को अपनी श्रद्धासुमन अर्पित की.

झारखंड के लातेहार से जुड़ी हैं पूर्व pm अटल बिहारी वाजपेयी की कई यादें, बेतला पार्क में की थी हाथी की सवारी 2

लातेहार जिले से भी अटल बिहारी वाजपेयी की कई यादें जुड़ी हैं. वर्ष 1980 में संगठन के नेता के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी अपने पलामू दौरे के क्रम में वनवासी कल्याण केंद्र, गारू (लातेहार) पहुंचे थे. श्री वाजपेयी ने रात्रि विश्राम इसी वनवासी कल्याण केंद्र में किया था. इसके बाद उन्होंने बेतला नेशनल पार्क में हाथी की सवारी भी की थी और कोयल नदी संगम किनारे सांगठनिक बैठक की थी.

उस समय गारू वनवासी कल्याण केंद्र में बतौर अवैतनिक चिकित्सक का दायित्व वैद्य शिवनारायण पाठक संभाल रहे थे. इससे पहले श्री पाठक इमरजेंसी के दिनों में गिरफ्तार हुए थे और 80 दिनों तक जेल में बंद रहे थे. जिस समय देश में आपातकाल लगा था उस समय लातेहार अनुमंडल था और श्री पाठक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तहसील (अनुमंडल) कार्यवाह के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे.

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पूरे क्षेत्र में संगठन की जिम्मेवारी श्री पाठक के कंधों पर थी और वे मुखर होकर इस इमरजेंसी का विरोध कर रहे थे. उनकी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हो गयी थी. स्वर्गीय वाजपेयी भी श्री वैद्य की इस मुखरता से प्रभावित थे. इस कारण जब वे पलामू के दौरे पर आये, तो गारू स्थित उस वनवासी कल्याण केंद्र में गये जहां श्री वैद्य चिकित्सक के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे. वाजपेयी न सिर्फ गारू गये वरन वनवासी कल्याण केंद्र में रात्रि विश्राम भी किया. दूसरे दिन बेतला पार्क में हाथी की सवारी की और बाद में बरवाडीह के केचकी नदी संगम में संगठन की एक बैठक की.

Posted By : Samir Ranjan.

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