Margashirsha Purnima 2020: आज ऐसे करें साल के अंतिम पूर्णिमा पर पूजा, चंद्र दोष से मिलेगी मुक्ति, जानें विधि और व्रत का महत्व
Margashirsha Purnima 2020, Shubh Muhurat, Puja Vidhi, Timing, Vrat Katha, Mahatva, 30 December: आज साल का आखिरी पूर्णिमा है. 29 दिसंबर की शाम 7 बजकर 54 मिनट से ही मार्गशीर्ष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त शुरू हो गया है जो 30 दिसंबर यानी आज रात्रि 8 बजकर 57 तक रहेगा. हिंदू धर्म में इसका अपना ही महत्व है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और व्रत करनी चाहिए. साथ ही साथ आज दान भी करना चाहिए. आइये जानते हैं इस पूर्णिमा का महत्व और व्रत और पूजा विधि...
Margashirsha Purnima 2020, Shubh Muhurat, Puja Vidhi, Timing, Vrat Katha, Mahatva, 30 December: आज साल का आखिरी पूर्णिमा है. 29 दिसंबर की शाम 7 बजकर 54 मिनट से ही मार्गशीर्ष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त शुरू हो गया है जो 30 दिसंबर यानी आज रात्रि 8 बजकर 57 तक रहेगा. हिंदू धर्म में इसका अपना ही महत्व है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और व्रत करनी चाहिए. साथ ही साथ आज दान भी करना चाहिए. आइये जानते हैं इस पूर्णिमा का महत्व और व्रत और पूजा विधि…
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का शुभ मुर्हूत कब तक
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हिंदू पंचांग के मुताबिक 29 दिसंबर की शाम 7 बजकर 54 मिनट मार्गशीर्ष पूर्णिमा का शुभ मुर्हूत शुरू हो चुका है.
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यह 30 दिसंबर की रात 8 बजकर 57 तक मनाया जाएगा.
क्यों की जानी चाहिए यह पूर्णिमा
जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्रमा दोष होता है अथवा कमजोर होता है. उन्हें पूर्णिमा पर पूजा विशेष तौर पर करनी चाहिए. इससे दोषमुक्त होते हैं और आगे तरक्की का मार्ग खुलता है. साथ ही साथ पूर्वज भी खुश होते है. इसके लिए संबंधित व्यक्ति को रात में चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए और जल अर्पित भी करना चाहिए.
इस दिन पर भगवान सत्यनारायण की पूजा भी विधि विधान से करनी चाहिए. दरअसल, मार्गशीर्ष मास को भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय मास माना जाता है. ऐसे में इस दिन पूजा-पाठ करने और व्रत रखने से जीवन की कठिनाईयों से मुक्ति मिलती है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किसी धार्मिक स्थल पर स्नान करें
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ऐसा संभव न हो तो घर में या आसपास के देवालय में भी जाकर गंगा जल से स्नान कर लें.
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स्नान के दौरा सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य मंत्र का भी जाप करें.
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स्नान के बाद व्रत संकल्प करें
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भूखे पेट या फलाहार करके सत्यनारायण स्वामी जी की पूजा-अर्चना करें
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पाठ पढ़ने से पहले तुलसी के पत्ते को गंगाजल में डूबो कर खुद पर छिड़कर शुद्धि कर लें
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पाठ के बाद घर में चारों ओर आरती दिखा लें
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फिर ब्राह्मणों को भोजन करवाएं
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इसके बाद सफेद वस्त्र और खाने पीने वस्तु गरीबों या जरूरतमंदों को दान कर दें
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आज भूल कर भी न करें ये काम
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स्नान करते समय सूर्य को अर्घ्य देना न भूलें
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पूरे दिन न झूठ बोलें या सुनें, बुरे कार्य में संलिप्त होने या करने से भी परहेज करें.
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आज प्याज लहसुन या नॉनवेज त्याग दें
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पूजा के दौरान पूर्वजों का याद करें
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गरीबों को व्रत के बाद दान करना न भूलें
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पूजा के पश्चात ब्राह्मणों को भोजन करवाना न भूलें
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रात्रि में चंद्रमा को जल अर्पित करना न भूलें
Posted By: Sumit Kumar Verma