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Agra News: पैतृक गांव में होगा शहीद शुभम गुप्ता का अंतिम संस्कार, कैबिनेट मंत्री ने सौंपा सहायता राशि का चेक

आगरा का लाल कैप्टन शुभम गुप्ता जम्मू कश्मीर के रजौरी में आतंकवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए. शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव में पहुंचेगा, जहां पर पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | November 24, 2023 2:42 PM
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जम्मू कश्मीर के रजौरी में आतंकवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में आगरा का लाल कैप्टन शुभम गुप्ता शहीद हो गए. शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर आज शुक्रवार को उनके पैतृक गांव में पहुंचेगा, जहां पर पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. शुभम गुप्ता के शहीद होने के बाद से उनके घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है. उनके गांव में भी देशभक्ति नारे गूंज रहे हैं. अब से करीब दो-तीन घंटे बाद ही उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंच जाएगा. इसके लिए प्रशासन लगातार तैयारी करने में जुटा है. आगरा जिला प्रशासन ने शहीद के पार्थिव शरीर के आने से पहले ही शहीद के घर से लेकर पेडराक गांव तक करीब 5 किलोमीटर की दूरी तक भीड़ को देखते हुए इंतजाम किए हैं. शहीद के पैतृक गांव के लोग उनकी अंत्येष्टि की तैयारी कर रहे हैं. बेटे के चले जाने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मां एक ही बात बार-बार कह रही है कि बेटे शुभम वापस आ जाओ-कहां चले गए बेटे.

कैबिनेट मंत्री ने परिजनों को सौपी सहायता राशि का चेक

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैप्टन शुभम गुप्ता की शहादत पर अपने एक्स अकाउंट पर श्रद्धांजलि दी और परिवार को इस दुखद समय में सांत्वना दी. वहीं उन्होंने कैप्टन शुभम गुप्ता के परिजनों को 50 लाख रुपए का चेक और एक सड़क को शहीद के नाम से करने व घर में किसी एक को सरकारी नौकरी की घोषणा की थी. जिसके तहत उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और क्षेत्रीय विधायक जीएस धर्मेश ने सहायता राशि का 50 लाख रुपए का चेक लेकर परिवार के पास पहुंचे और सौपीं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पैतृक गांव सरकरा में शुभम गुप्ता के नाम पर एक स्मारक भी बनवाया जाएगा. कैप्टन शुभम गुप्ता को श्रद्धांजलि देने के लिए देर रात को उनके साथ ट्रेनिंग करने वाले सेना के कई अधिकारी भी वहां पहुंचे. उनका कहना था कि देश की शहादत पर गर्व है. हमारा दोस्त जांबाज था हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे रहता था. उसने अपने साथी को रेस्क्यू करने के लिए आतंकवादियों की गोलियों की भी चिंता नहीं की. हम उसे कभी भुला नहीं पाएंगे. वह हमेशा हमारे दिलों में अमर रहेगा.

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