Masik Kalashtami 2024 Vrat: हिंदू धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है. कालाष्टमी व्रत प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. पौष माह की कालाष्टमी का व्रत 04 जनवरी दिन गुरुवार को रखा जाएगा. कालाष्टमी तिथि के दिन भगवान शिव के रुद्रावतार काल भैरव भगवान की पूजा-अर्चना करने का विधान है. धार्मिक मान्यता के अनुसार बाबा काल भैरव शिव जी के रौद्र माने जाते हैं. इस दिन व्रत रखकर विधि पूर्वक पूजा करने से जीवन से दुख, दरिद्रता और परेशानियां दूर हो जाती हैं. आइए जानते हैं पौष माह की कालाष्टमी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में…
पौष मास की कालाष्टमी तिथि की शुरुआत 03 जनवरी 2024 की शाम 07 बजकर 48 मिनट पर हो रही है, इसका समापन 04 जनवरी 2024 की रात 10 बजकर 04 मिनट पर होगा. पंचांग के अनुसार इस साल पौष मास की कालाष्टमी का व्रत 04 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को रखा जाएगा.
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कालाष्टमी के दिन सबसे पहले स्नान करें.
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इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें.
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फिर काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
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घर में गंगाजल छिड़कें और उन्हें फूल अर्पित करें.
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अब काल भैरव को धूप, दीप से पूजन कर नारियल, इमरती, पान, मदिरा का भोग लगाएं.
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फिर काल भैरव के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं.
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पूजा के दौरान भैरव चालीसा और मंत्रों का पाठ करें.
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पूजा के अंत में आरती करें और काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करें.
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कालाष्टमी व्रत कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान मनाई जाती है. यह दिन भैरवबाबा की पूजा के लिए समर्पित है. ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भोलेबाबा भैरव रूप में प्रकट हुए थे. कालाष्टमी के दिन व्रत रखकर बाबा काल भैरव की पूजा करने से सभी तरह के भय से मुक्ति मिल जाती है, इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है. बाबा भैरव की पूजा से शत्रुओं से छुटकारा भी मिलता है.