Kalashtami Vrat 2021 कल इस मुहूर्त में, ऐसे करें भगवान भैरव की पूजा, अशुभ फल देने वाले ग्रह होंगे शांत, जानें पूजा विधि, सामग्री डिटेल, तिथि का महत्व व दान का तरीका
Masik Kalashtami Vrat, Kalashtami 2021, Bhairav Ashtami 2021 March, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Importance, Daan Ka Mahatva, Samagri Details: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी व्रत (Kalashtami Vrat) रखी जाती है. एक साल में कुल 12 बार यह पर्व आता है. ऐसी मान्यता है कि मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी की रात्रि को भगवान शिव ने भैरव जी को प्रकट किया था. इस वर्ष यह तिथि 5 मार्च, शुक्रवार को पड़ रही है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान भैरव के अलावा शिव शंभू की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए. ऐसा करने से मृत्यु का भय समाप्त होता है और पापों का नाश होता है. इसे भैरवष्टमी (Bhairav Ashtami 2021 March) के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं इस बार के कालाष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व व इससे जुड़ी मान्यताएं...
Masik Kalashtami Vrat, Kalashtami 2021, Bhairav Ashtami 2021 March, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Importance, Daan Ka Mahatva, Samagri Details: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी व्रत (Kalashtami Vrat) रखी जाती है. एक साल में कुल 12 बार यह पर्व आता है. ऐसी मान्यता है कि मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी की रात्रि को भगवान शिव ने भैरव जी को प्रकट किया था. इस वर्ष यह तिथि 5 मार्च, शुक्रवार को पड़ रही है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान भैरव के अलावा शिव शंभू की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए. ऐसा करने से मृत्यु का भय समाप्त होता है और पापों का नाश होता है. इसे भैरवष्टमी (Bhairav Ashtami 2021 March) के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं इस बार के कालाष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व व इससे जुड़ी मान्यताएं…
कालाष्टमी शुभ मुहूर्त (Kalashtami Shubh Muhurat)
फाल्गुन, कृष्ण पक्ष, अष्टमी आरंभ तिथि: 5 मार्च, गुरुवार शाम 7 बजकर 54 मिनट से
फाल्गुन, कृष्ण पक्ष, अष्टमी समाप्ति तिथि: 6 मार्च, शुक्रवार शाम 6 बजकर 10 मिनट पर
कालाष्टमी पूजा विधि (Kalashtami Puja Vidhi)
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कालाष्टमी के दिन सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठें
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स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहने.
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फिर व्रत का संकल्प लें.
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इस दिन भगवान काल भैरव के साथ शिव शंभू की भी पूजा अर्चना विधि विधान से करें.
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पूरे दिन व्रत में रहे या फलाहार पर रहें.
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शाम में संभव हो तो काल भैरव या भगवान शिव के मंदिर जाकर पूजा अर्चना करें.
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इस दिन भैरव चालीसा का पाठ करना बेहद शुभ माना गया है
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इस दिन काले कुत्तों को जरूर भोजन कराएं. ऐसी मान्यता है कि भगवान कालभैरव कुत्तों को भोजन करवाने से अति प्रसन्न होते हैं. दरअसल, कुत्ते बाबा की सवारी हैं.
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कालाष्टमी पूजा के दिन रात्रि जागरण का भी विशेष महत्व होता है
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भैरव मंत्र का 108 बार जाप अवश्य करें.
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कालाष्टमी महत्व (Kalashtami Mahatva)
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इस दिन पूजा-पाठ करने से भगवान भैरव बाबा का आशीर्वाद मिलता है
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भैरव बाबा सभी तरह के रोगों से मुक्ति दिलाते हैं
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इस दिन पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं
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वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली में कोई ग्रह अशुभ फल दे रहा है, तो कालाष्टमी तिथि पर काल भैरव की पूजा करके उसे शांत किया जा सकता है.
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जादू, टोना, भूत-पिचाश से छुटकारा मिलता है.
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मौत का भय समाप्त होता है.
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कालाष्टमी पूजा सामग्री सूची, इन चीजों का करें दान (Kalashtami Puja Samagri List)
भगवान काल भैरव को गुड़, खिचड़ी, तेल, चावल आदि का भोग लगाना चाहिए. साथ ही साथ उन्हें काले तिल, मदिरा, धूप दान, सरसों का तेल, उड़द की दाल आदि पसंद है. जिसका दान इस तिथि पर जरूर करना चाहिए.
Posted By: Sumit Kumar Verma