Masik Shivratri 2022: अश्विन माह में शिवरात्रि आज यानी 24 सितंबर 2022 (Ashwin Masik shivratri 2022 puja) शनिवार को रखा जा रहा है. इस दिन जो भक्त व्रत रखकर शंकर जी के संग माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करता है उसपर भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसती है.
आश्विन मास की मासिक शिवरात्रि का व्रत 24 सितंबर, शनिवार को रखा जा रहा है. यह व्रत चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. ऐसे में चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 24 सितंबर को तड़के 2 बजकर 30 मिनट पर हो चुकी है. वहीं चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 25 सितंबर को तड़के 3 बजकर 12 मिनट पर होगी.
शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा रात के समय की जाती है. अश्वनी माह की शिवरात्रि में आप पूरी रात भगवान शिव का जागरण कर भगवान की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं. ऐसा करने से आर्थिक संकट व वैवाहिक जीवन में आ रही समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. यह व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि शिवरात्रि का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का दूध, दही व शहद से जलाभिषेक करें.
पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि.
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इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें.
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घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
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शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें.
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भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें.
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भगवान गणेश की पूजा अवश्य करें. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा-
अर्चना की जाती है.
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भोलेनाथ का अधिक से अधिक ध्यान करें.
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ऊॅं नम: शिवाय मंत्र का जप करें.
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भगवान भोलेनाथ को भोग लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.
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भगवान की आरती करना न भूलें.