22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मथुरा: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह का मामला, ज्ञानवापी की तरह सर्वे की मांग

वाराणसी में ज्ञानवापी के चल रहे एएसआई सर्वे के बीच मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह के विवाद में भी इसी तरह की मांग की गई है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है. मंदिरों के स्तंभों और प्रतीकों को नुकसान पहुंचाये जाने का भी आरोप लगाया गया है.

Mathura News: श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर की तरह मथुरा के विवादित परिसर और का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इसके बाद से मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि शाही ईदगाह को लेकर चल रहे भूमि विवाद में नया मोड़ आ गया है. वहीं याचिकाकर्ता आशुतोष पांडेय ने आरोप लगाया है कि शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति जैसी संस्थाएं संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम कर रही हैं.

श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले आशुतोष पांडेय सिद्ध पीठ माता शाकुंभरी पीठाधीश्वर भृगुवंशी के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता का कहना है कि मथुरा में इस तरह के निर्माण को मस्जिद नहीं माना जा सकता. इसके अलावा 1968 में हुए समझौते की वैधता के खिलाफ तर्क देते हुए इसे दिखावा और धोखाधड़ी बताया है.

भृगुवंशी आशुतोष पांडेय ने आरोप लगाया है कि शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति जैसी संस्थाएं संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल रहीं हैं. उनका दावा है कि मंदिरों के स्तंभों और प्रतीकों को नुकसान पहुंचाया गया है. जनरेटर का उपयोग किया गया है, जिससे दीवारों और स्तंभों को ज्यादा नुकसान हुआ है.

याचिकाकर्ता ने परिसर में होने वाली प्रार्थना और अन्य गतिविधियों पर भी सवाल खड़े किए हैं. आशुतोष पांडेय ने संपत्ति पंजीकरण में विसंगतियों के बारे में भी चिंता जताई है. उनका तर्क है कि भूमि को आधिकारिक तौर पर ईदगाह नाम के तहत पंजीकृत नहीं किया जा सकता. क्योंकि इसका टैक्स कटरा केशव देव मथुरा के उपनाम के तहत एकत्र किया जा रहा है.

Also Read: Independence Day 2023: वो तारीखें जो बनी इतिहास का अमिट हस्ताक्षर, इनके बिना अधूरा है स्वतंत्रता आंदोलन

सुप्रीम कोर्ट में वकील सार्थक चतुर्वेदी ने याचिका दाखिल की है. यह विवादित भूमि की पहचान, स्थान और माप की जांच की मांग को लेकर है. जिसमें दोनों पक्षों द्वारा किए गए दावों को प्रमाणित करने के लिए एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण की आवश्यकता के लिए कहा गया है. कोर्ट से याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह अनुरोध ज्ञानवापी में चल रहे एएसआई सर्वेक्षण से प्रेरित है. ज्ञानवापी सर्वेक्षण जिसने ध्यान आकर्षित किया है, इसका उद्देश्य इस स्थल के ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व का पता लगाना है.

भृगुवांशी आशुतोष पांडेय ने बताया कि कृष्ण जन्मभूमि याचिका के नतीजे पर न केवल मथुरा के लोग बल्कि पूरा देश उत्सुकता से नजर रखेगा. न्यायपालिका और संबंधित हितधारकों द्वारा उठाए गए अगले कदम यकीनन भारत के समृद्ध इतिहास को सामने लाने में मददगार साबित होंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें