मथुरा: गोवर्धन में आज से विश्व प्रसिद्ध मुड़िया मेला की शुरुआत, दुनियाभर से जुटेंगे श्रद्धालु, इसलिए ये खास
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोवर्धन की परिक्रमा करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों से भी भक्त आते हैं. मुड़िया मेले की मंगलवार से शुरुआत के साथ यहां श्रद्धालुओं की भीड़ आना शुरू हो जाएगी. श्रद्धालु यहां विभिन्न मंदिरों के दर्शन करते हैं और 21 किलोमीटर की परिक्रमा लगाते हैं.
Mathura: मथुरा के गोवर्धन में मंगलवार से आठ दिनों तक भक्तों का सैलाब उमड़ेगा. यहां गुरु पूर्णिमा के अवसर पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे और गोवर्धन भगवान की 21 किलोमीटर की परिक्रमा करेंगे.
पूर्णिमा के अवसर पर यहां मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे मुड़िया मेला कहा जाता है. इस बार गोवर्धन का मुड़िया मेला 4 जुलाई तक चलेगा. मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को कोई भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर लिए हैं.
मथुरा के गोवर्धन में एकादशी से लेकर पूर्णिमा तक भक्त परिक्रमा देने के लिए आते हैं. लेकिन, गुरु पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मुड़िया मेला में भक्तों की भीड़ में कई गुना इजाफा हो जाता है. यहां 8 दिन केवल भक्त ही भक्त नजर आते हैं. श्रद्धालु यहां विभिन्न मंदिरों के दर्शन करते हैं और 21 किलोमीटर की परिक्रमा लगाते हैं. यहां 7 कोस में से 4 कोस की गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा और अन्य राधा कुंड की परिक्रमा है.
गोवर्धन की गुरु पूर्णिमा के अवसर पर परिक्रमा करने के लिए देश के अलग अलग राज्यों के अलावा विदेशों से भी भक्त आते हैं. यहां प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से सबसे ज्यादा भक्त आते हैं. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर परिक्रमा देने वाले भक्तों की संख्या एक करोड़ से ऊपर पहुंच जाती है. कोरोना काल के बाद पहली बार बिना किसी पाबंदी के इस बार यह मेला आयोजित किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पश्चिम बंगाल के मालदा के गांव रामकेलि निवासी सनातन गोस्वामी वहां के राजा हुसैन के दरबार में मंत्री भी थे. वे वृंदावन की खोज करने वाले श्री चैतन्य महाप्रभु के भक्ति से बेहद प्रभावित हुए और उनसे मिलने के लिए वाराणसी चले गए. वहां महाप्रभु जी की प्रेरणा से उन्हे ब्रजवास मिला और वहीं रह कर कृष्ण भक्ति करने लगे.
सनातन गोस्वामी प्रतिदिन वृंदावन से सात कोस दूर चलकर गोवर्धन जाते और वहां सात कोस के गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगते थे. वृद्धावस्था में उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान कृष्ण ने उन्हें दर्शन दिए और अपने चरण चिन्ह वाली एक गोवर्धन की शिला उन्हें दी और उस शिला की परिक्रमा लगाने का आदेश दिया. मुड़िया पूर्णिमा मेले के दौरान गौड़ीय संप्रदाय के मंदिर शोभायात्रा निकालने के साथ गोवर्धन की परिक्रमा करते हैं.
एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने मुड़िया मेला के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के अलावा आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को परिक्रमा मार्ग पर कोई असुविधा नहीं हो, इसके लिए सभी पुलिसकर्मी सजग रहें. मुड़िया पूर्णिमा मेला के लिए गोवर्धन क्षेत्र को 7 सुपर जोन, 25 जोन व 62 सेक्टरों में बांटा गया है. प्रशासन और पुलिस मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है.
मुड़िया पूर्णिमा मेला में किसी तरह की कोई समस्या नहीं हो. इसके लिए 3000 से ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं. सभी गतिविधियों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाएगी. घुड़सवार पुलिसकर्मी भी परिक्रमा मार्ग में हर गतिविधि पर नजर रखेंगे. इसके साथ ही वॉच टावरों पर पुलिसकर्मी हर स्थिति से निपटने को मुस्तैद रहेंगे. गोवर्धन का मुड़िया मेला 4 जुलाई तक चलेगा.
21 किलोमीटर के परिक्रमा मार्ग और प्रमुख मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में उत्तर प्रदेश पुलिस के 2272 जवानों की तैनाती की गई है. इसके अलावा 700 पुलिस कर्मी जीआरपी और आरपीजी के साथ राजस्थान की सीमा में पड़ोसी राज्य की पुलिस के जवान भी तैनात रहेंगे. इसमें 7 अपर पुलिस अधीक्षक, 22 सीओ, 91 इंस्पेक्टर, 479 सब इंस्पेक्टर, 1673 कांस्टेबल, दो कंपनी पीएसी, दो प्लाटून फ्लड मेला की व्यवस्थाएं संभालेंगी.
मुड़िया मेला क्षेत्र को 9 सुपर जोन, 21 जोन व 62 सेक्टरों में विभाजित किया गया है. मेला के लिए 105 बैरियर, 52 पार्किंग स्थल, 31 वॉच टावर, 31 अस्थाई पुलिस चौकी, 5 खोया पाया केंद्र, 6 हेल्थ मोबाइल टीम लगाए गए हैं. प्रत्येक सुपर जोन में एडीएम और एसपी रैंक के अधिकारी एवं जोन में एसडीएम सीओ और सेक्टरों में इंस्पेक्टर, तहसीलदार भ्रमण कर व्यवस्थाएं देखेंगे.