Mauni Amavasya 2023 LIVE Updates: मौनी अमावस्या पर मौन होकर करें स्नान, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Mauni Amavasya 2023 LIVE Updates: आज 21 जनवरी को मौनी अमावस्या है. शनिवार को अमावस्या पड़ने के कारण इस बार की मौनी अमावस्या शनिवारी अमावस्या भी है. माघ मास में पड़ने वाली इस मौनी अमावस्या पर दान करने से शनि के दुष्प्रभावों में कमी आएगी. शनि की साढ़े साती, ढैय्या या अन्य जन्मजात शनि दोषों की निवृत्ति के लिए इस शनिवारी अमावस्या पर दान करने से अधिक लाभ होगा. माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 21 जनवरी को प्रात: 6 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है, जो 22 जनवरी को रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी.
मुख्य बातें
Mauni Amavasya 2023 LIVE Updates: आज 21 जनवरी को मौनी अमावस्या है. शनिवार को अमावस्या पड़ने के कारण इस बार की मौनी अमावस्या शनिवारी अमावस्या भी है. माघ मास में पड़ने वाली इस मौनी अमावस्या पर दान करने से शनि के दुष्प्रभावों में कमी आएगी. शनि की साढ़े साती, ढैय्या या अन्य जन्मजात शनि दोषों की निवृत्ति के लिए इस शनिवारी अमावस्या पर दान करने से अधिक लाभ होगा. माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 21 जनवरी को प्रात: 6 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है, जो 22 जनवरी को रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी.
लाइव अपडेट
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में देवताओं का वास होता है. अगर आप नदी के तट पर स्नान के लिए नहीं जा सकते तो कम से कम घर में ही जल में गंगाजल मिलाकर, मां गंगे का ध्यान करके स्नान करें. स्नान के बाद सामार्थ्य के अनुसार दान पुण्य करें. इस दिन किए गए दान-पुण्य का कई गुना फल ज्यादा मिलता है.
20 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग
जब कोई अमावस्या शनिवार को पड़ती है तो उसे शनिचरी अमावस्या कहा जाता है. इस बार शनिवार 21 जनवरी को माघ महीने की पहली शनैश्चरी अमावस्या है. माघ महीने की शनिवार को अमावस्या का शुभ संयोग कम ही बनता है. आज से 20 साल पहले, यानी 1 फरवरी 2003 को ऐसा शुभ संयोग बना था.
मौनी अमावस्या पर दान का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में देवताओं का वास होता है. अगर आप नदी के तट पर स्नान के लिए नहीं जा सकते तो कम से कम घर में ही जल में गंगाजल मिलाकर, मां गंगे का ध्यान करके स्नान करें. स्नान के बाद सामार्थ्य के अनुसार दान पुण्य करें. इस दिन किए गए दान-पुण्य का कई गुना फल ज्यादा मिलता है.
मौनी अमावस्या पर क्यों रखा जाता है मौन
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि ‘मौनी’ शब्द मुनि से बना है. कहा जाता है कि इस दिन साधु संत मौन रहकर मन और वाणी को संयमित करते थे और ईश्वर के ध्यान में खुद को लीन रखकर तमाम विशेष सिद्धियों को प्राप्त किया करते थे. तब से आज तक ये परंपरा चली आ रही है. कहा जाता है कि इस दिन अगर सामान्य लोग भी मन और वाणी को नियंत्रित रखकर मौन व्रत करें तो इससे उन्हें मुनिपद की प्राप्ति होती है और तमाम जाने-अनजाने किए गए पाप कट जाते हैं.
मौनी अमावस्या कथा
प्राचीन काल में कांचीपुर में एक बहुत सुशील गुणवती नाम की कन्या थी. विवाह योग्य होने पर उसके पिता ने जब ज्योतिषी को उसकी कुंडली दिखाई तो उन्होंने कन्या की कुंडली में वैधव्य दोष बताया. उपाय के अनुसार गुणवती अपने भाई के साथ सिंहल द्वीप पर रहने वाली सोमा धोबिन से आशीर्वाद लेने चल दी.दोनों भाई-बहन एक वृक्ष के नीचे बैठकर सागर के मध्य द्वीप पर पहुंचने की युक्ति ढूंढ़ने लगे. वृक्ष के ऊपर घौसले में गिद्ध के बच्चे रहते थे .शाम को जब गिद्ध परिवार घौंसले में लौटा तो बच्चों ने उनको दोनों भाई-बहन के बारे में बताया. उनके वहां आने कारण पूछकर उस गिद्ध ने दोनों को अपनी पीठ पर बिठाकर अगले दिन सिंहल द्वीप पंहुचा दिया.वहां पहुंचकर गुणवती ने सोमा की सेवा कर उसे प्रसन्न कर लिया. जब सोमा को गुणवती के वैधव्य दोष का पता लगा तो उसने अपना सिन्दूर दान कर उसे अखंड सुहागिन होने का वरदान दिया. सोमा के पुण्यफलों से गुणवती का विवाह हो गया वह शुभ तिथि मौनी अमावस्या ही थी.
मौनी अमावस्या कब होगा समाप्त
मौनी अमावस्या आरंभ होने का समय – 21 जनवरी 2023 (शनिवार) को सुबह 6.19 बजे
मौनी अमावस्या समाप्त होने का समय – 22 जनवरी 2023 (रविवार) रात 2.25 बजे
स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व
मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में देवताओं का वास होता है. अगर आप नदी के तट पर स्नान के लिए नहीं जा सकते तो कम से कम घर में ही जल में गंगाजल मिलाकर, मां गंगे का ध्यान करके स्नान करें. स्नान के बाद सामार्थ्य के अनुसार दान पुण्य करें. इस दिन किए गए दान-पुण्य का कई गुना फल ज्यादा मिलता है.
20 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग
जब कोई अमावस्या शनिवार को पड़ती है तो उसे शनिचरी अमावस्या कहा जाता है. इस बार शनिवार 21 जनवरी को माघ महीने की पहली शनैश्चरी अमावस्या है. माघ महीने की शनिवार को अमावस्या का शुभ संयोग कम ही बनता है. आज से 20 साल पहले, यानी 1 फरवरी 2003 को ऐसा शुभ संयोग बना था.
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
21 जनवरी 2023 को सुबह 06:17 बजे से मौनी अमावस्या की शुरुआत होगी और इसका समापन 22 जनवरी 2023 को सुबह 02:22 मिनट पर किया जाएगा. स्नान, दान और व्रत वगैरह 21 जनवरी को रखा जाएगा.
मौनी अमावस्या पर स्नान दान का नियम
मौनी अमावस्या के दिन व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. इस विशेष दिन पर स्नान आदि करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
मौनी अमावस्या कथा
प्राचीन काल में कांचीपुर में एक बहुत सुशील गुणवती नाम की कन्या थी. विवाह योग्य होने पर उसके पिता ने जब ज्योतिषी को उसकी कुंडली दिखाई तो उन्होंने कन्या की कुंडली में वैधव्य दोष बताया. उपाय के अनुसार गुणवती अपने भाई के साथ सिंहल द्वीप पर रहने वाली सोमा धोबिन से आशीर्वाद लेने चल दी.दोनों भाई-बहन एक वृक्ष के नीचे बैठकर सागर के मध्य द्वीप पर पहुंचने की युक्ति ढूंढ़ने लगे. वृक्ष के ऊपर घौसले में गिद्ध के बच्चे रहते थे .शाम को जब गिद्ध परिवार घौंसले में लौटा तो बच्चों ने उनको दोनों भाई-बहन के बारे में बताया. उनके वहां आने कारण पूछकर उस गिद्ध ने दोनों को अपनी पीठ पर बिठाकर अगले दिन सिंहल द्वीप पंहुचा दिया.वहां पहुंचकर गुणवती ने सोमा की सेवा कर उसे प्रसन्न कर लिया. जब सोमा को गुणवती के वैधव्य दोष का पता लगा तो उसने अपना सिन्दूर दान कर उसे अखंड सुहागिन होने का वरदान दिया. सोमा के पुण्यफलों से गुणवती का विवाह हो गया वह शुभ तिथि मौनी अमावस्या ही थी.
इस दिन क्यों रखा जाता है मौन व्रत
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि ‘मौनी’ शब्द मुनि से बना है. कहा जाता है कि इस दिन साधु संत मौन रहकर मन और वाणी को संयमित करते थे और ईश्वर के ध्यान में खुद को लीन रखकर तमाम विशेष सिद्धियों को प्राप्त किया करते थे. तब से आज तक ये परंपरा चली आ रही है. कहा जाता है कि इस दिन अगर सामान्य लोग भी मन और वाणी को नियंत्रित रखकर मौन व्रत करें तो इससे उन्हें मुनिपद की प्राप्ति होती है और तमाम जाने-अनजाने किए गए पाप कट जाते हैं.
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
21 जनवरी 2023 को सुबह 06:17 बजे से मौनी अमावस्या की शुरुआत होगी और इसका समापन 22 जनवरी 2023 को सुबह 02:22 मिनट पर किया जाएगा. स्नान, दान और व्रत वगैरह 21 जनवरी को रखा जाएगा.
Mauni Amavasya 2023: आज है मौनी अमावस्या, 20 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग, जानें महत्व
मौनी अमावस्या स्नान-दान नियम
मौनी अमावस्या के दिन व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. इस विशेष दिन पर स्नान आदि करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
20 साल बाद ऐसा संयोग
जब कोई अमावस्या शनिवार को पड़ती है तो उसे शनिचरी अमावस्या कहा जाता है. इस बार शनिवार 21 जनवरी को माघ महीने की पहली शनैश्चरी अमावस्या है. माघ महीने की शनिवार को अमावस्या का शुभ संयोग कम ही बनता है. आज से 20 साल पहले, यानी 1 फरवरी 2003 को ऐसा शुभ संयोग बना था.
स्नान और दान-पुण्य का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में देवताओं का वास होता है. अगर आप नदी के तट पर स्नान के लिए नहीं जा सकते तो कम से कम घर में ही जल में गंगाजल मिलाकर, मां गंगे का ध्यान करके स्नान करें. स्नान के बाद सामार्थ्य के अनुसार दान पुण्य करें. इस दिन किए गए दान-पुण्य का कई गुना फल ज्यादा मिलता है.
मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय (Amavasya Ke Upay)
अमावस्या को पितरों का दिन माना गया है. इस दिन किए गए उपायों से पितृ दोष व कालसर्प दोष दूर होता है. साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है. अतः इस दिन उनके निमित्त श्राद्ध, तर्पण आदि उपाय अवश्य करने चाहिए.
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
21 जनवरी 2023 को सुबह 06:17 बजे से मौनी अमावस्या की शुरुआत होगी और इसका समापन 22 जनवरी 2023 को सुबह 02:22 मिनट पर किया जाएगा. स्नान, दान और व्रत वगैरह 21 जनवरी को रखा जाएगा.
मौनी अमावस्या पर क्यों रखते हैं मौन व्रत
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि ‘मौनी’ शब्द मुनि से बना है. कहा जाता है कि इस दिन साधु संत मौन रहकर मन और वाणी को संयमित करते थे और ईश्वर के ध्यान में खुद को लीन रखकर तमाम विशेष सिद्धियों को प्राप्त किया करते थे. तब से आज तक ये परंपरा चली आ रही है. कहा जाता है कि इस दिन अगर सामान्य लोग भी मन और वाणी को नियंत्रित रखकर मौन व्रत करें तो इससे उन्हें मुनिपद की प्राप्ति होती है और तमाम जाने-अनजाने किए गए पाप कट जाते हैं.
मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय
अमावस्या को पितरों का दिन माना गया है. इस दिन किए गए उपायों से पितृ दोष व कालसर्प दोष दूर होता है. साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है. अतः इस दिन उनके निमित्त श्राद्ध, तर्पण आदि उपाय अवश्य करने चाहिए.
अमावस्या तिथि प्रारंभ होने का समय
मौनी अमावस्या आरंभ होने का समय – 21 जनवरी 2023 (शनिवार) को सुबह 6.19 बजे
मौनी अमावस्या समाप्त होने का समय – 22 जनवरी 2023 (रविवार) रात 2.25 बजे
मौनी अमावस्या के दिन शनि देव की पूजा करना न भूलें
इस बार मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023 Remedies) वाले दिन शनि अमावस्या भी पड़ रही है. लिहाजा आप उस दिन शनि देव की पूजा करना न भूलें. इसके लिए आप शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. ऐसा करने से परिवार पर शनि दोष दूर हो जाता है.
मौनी अमावस्या के दिन करें ये काम
इस दिन सूर्य देव, पितरों और भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ रहता है. ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि भगवान विष्णु और सूर्य देव से जुड़े मंत्रों का जाप करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि का संचार होता है.
मौनी अमावस्या 2023 कल
21 जनवरी 2023 को सुबह 06:17 बजे से मौनी अमावस्या की शुरुआत होगी और इसका समापन 22 जनवरी 2023 को सुबह 02:22 मिनट पर किया जाएगा. स्नान, दान और व्रत वगैरह 21 जनवरी को रखा जाएगा.
मौनी अमावस्या पर करें दान
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023 Remedies) वाले दिन जरूरतमंदों को दान अवश्य दें. ऐसा करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है, जिससे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. आप चाहें तो गाय, चींटी या पक्षियों को भोजन भी खिला सकते हैं.
कब है अमावस्या?
पंचाग के अनुसार माघ महीने की अमावस्या तिथि 21 जनवरी 2023 शनिवार को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और 22 जनवरी 2023 को सुबह 02 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार मौनी अमावस्या 21 जनवरी 2023 को है. इसी दिन स्नान और दान करना शुभ रहेगा.
मौनी अमावस्या पर करें शनि देव की पूजा करें
इस बार मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023 Remedies) वाले दिन शनि अमावस्या भी पड़ रही है. लिहाजा आप उस दिन शनि देव की पूजा करना न भूलें. इसके लिए आप शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. ऐसा करने से परिवार पर शनि दोष दूर हो जाता है.
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
21 जनवरी 2023 को सुबह 06:17 बजे से मौनी अमावस्या की शुरुआत होगी और इसका समापन 22 जनवरी 2023 को सुबह 02:22 मिनट पर किया जाएगा. स्नान, दान और व्रत वगैरह 21 जनवरी को रखा जाएगा.
मौनी अमावस्या के दिन क्या करें?
इस दिन सूर्य देव, पितरों और भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ रहता है. ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि भगवान विष्णु और सूर्य देव से जुड़े मंत्रों का जाप करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि का संचार होता है.
मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय
अमावस्या को पितरों का दिन माना गया है. इस दिन किए गए उपायों से पितृ दोष व कालसर्प दोष दूर होता है. साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है. अतः इस दिन उनके निमित्त श्राद्ध, तर्पण आदि उपाय अवश्य करने चाहिए.
कब है मौनी अमावस्या
मौनी अमावस्या आरंभ होने का समय – 21 जनवरी 2023 (शनिवार) को सुबह 6.19 बजे
मौनी अमावस्या समाप्त होने का समय – 22 जनवरी 2023 (रविवार) रात 2.25 बजे
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
21 जनवरी 2023 को सुबह 06:17 बजे से मौनी अमावस्या की शुरुआत होगी और इसका समापन 22 जनवरी 2023 को सुबह 02:22 मिनट पर किया जाएगा. स्नान, दान और व्रत वगैरह 21 जनवरी को रखा जाएगा.
इस दिन क्यों रखा जाता है मौन व्रत
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि ‘मौनी’ शब्द मुनि से बना है. कहा जाता है कि इस दिन साधु संत मौन रहकर मन और वाणी को संयमित करते थे और ईश्वर के ध्यान में खुद को लीन रखकर तमाम विशेष सिद्धियों को प्राप्त किया करते थे. तब से आज तक ये परंपरा चली आ रही है. कहा जाता है कि इस दिन अगर सामान्य लोग भी मन और वाणी को नियंत्रित रखकर मौन व्रत करें तो इससे उन्हें मुनिपद की प्राप्ति होती है और तमाम जाने-अनजाने किए गए पाप कट जाते हैं.
मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान का विशेष महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन संगम में स्नान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद सहज ही प्राप्त होता है. क्योंकि माघ मास में संगम स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और मौनी अमावस्या माघ माह में ही होती है. इस दिन गंगास्नान करने से भी व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती.
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
21 जनवरी 2023 को सुबह 06:17 बजे से मौनी अमावस्या की शुरुआत होगी और इसका समापन 22 जनवरी 2023 को सुबह 02:22 मिनट पर किया जाएगा. स्नान, दान और व्रत वगैरह 21 जनवरी को रखा जाएगा.
इस दिन क्यों रखा जाता है मौन व्रत
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि ‘मौनी’ शब्द मुनि से बना है. कहा जाता है कि इस दिन साधु संत मौन रहकर मन और वाणी को संयमित करते थे और ईश्वर के ध्यान में खुद को लीन रखकर तमाम विशेष सिद्धियों को प्राप्त किया करते थे. तब से आज तक ये परंपरा चली आ रही है. कहा जाता है कि इस दिन अगर सामान्य लोग भी मन और वाणी को नियंत्रित रखकर मौन व्रत करें तो इससे उन्हें मुनिपद की प्राप्ति होती है और तमाम जाने-अनजाने किए गए पाप कट जाते हैं.
मौनी अमावस्या कथा
प्राचीन काल में कांचीपुर में एक बहुत सुशील गुणवती नाम की कन्या थी. विवाह योग्य होने पर उसके पिता ने जब ज्योतिषी को उसकी कुंडली दिखाई तो उन्होंने कन्या की कुंडली में वैधव्य दोष बताया. उपाय के अनुसार गुणवती अपने भाई के साथ सिंहल द्वीप पर रहने वाली सोमा धोबिन से आशीर्वाद लेने चल दी.दोनों भाई-बहन एक वृक्ष के नीचे बैठकर सागर के मध्य द्वीप पर पहुंचने की युक्ति ढूंढ़ने लगे. वृक्ष के ऊपर घौसले में गिद्ध के बच्चे रहते थे .शाम को जब गिद्ध परिवार घौंसले में लौटा तो बच्चों ने उनको दोनों भाई-बहन के बारे में बताया. उनके वहां आने कारण पूछकर उस गिद्ध ने दोनों को अपनी पीठ पर बिठाकर अगले दिन सिंहल द्वीप पंहुचा दिया.वहां पहुंचकर गुणवती ने सोमा की सेवा कर उसे प्रसन्न कर लिया. जब सोमा को गुणवती के वैधव्य दोष का पता लगा तो उसने अपना सिन्दूर दान कर उसे अखंड सुहागिन होने का वरदान दिया. सोमा के पुण्यफलों से गुणवती का विवाह हो गया वह शुभ तिथि मौनी अमावस्या ही थी.
मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय (Amavasya Ke Upay)
अमावस्या को पितरों का दिन माना गया है. इस दिन किए गए उपायों से पितृ दोष व कालसर्प दोष दूर होता है. साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है. अतः इस दिन उनके निमित्त श्राद्ध, तर्पण आदि उपाय अवश्य करने चाहिए.
कब है मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya Muhurat)
मौनी अमावस्या आरंभ होने का समय – 21 जनवरी 2023 (शनिवार) को सुबह 6.19 बजे
मौनी अमावस्या समाप्त होने का समय – 22 जनवरी 2023 (रविवार) रात 2.25 बजे
जरूरतमंदों को करें दान
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023 Remedies) वाले दिन जरूरतमंदों को दान अवश्य दें. ऐसा करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है, जिससे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. आप चाहें तो गाय, चींटी या पक्षियों को भोजन भी खिला सकते हैं.
देवी-देवताओं की करें पूजा
इस दिन सूर्य देव, पितरों और भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ रहता है. ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि भगवान विष्णु और सूर्य देव से जुड़े मंत्रों का जाप करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि का संचार होता है.
मंदिर जाकर लगाएं ध्यान
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023 Remedies) वाले दिन आप सुबह जल्दी उठकर मंदिर में जाएं और वहां पर पूजा पाठ कर प्रभु का ध्यान करें. ऐसा करने से मन को असीम शांति हासिल होती है. आप मौनी अमावस्या के दिन तीर्थ यात्रा भी कर सकते हैं.
गंगा स्नान से पुण्य लाभ
अगर संभव हो तो मौनी अमावस्या के दिन आपको गंगा स्नान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से जातकों को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है. साथ ही उन्हें जन्म-जन्मांतरों के बंधन से मुक्ति भी मिल जाती है.
शनि दोष से मिलती है मुक्ति
इस बार मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023 Remedies) वाले दिन शनि अमावस्या भी पड़ रही है. लिहाजा आप उस दिन शनि देव की पूजा करना न भूलें. इसके लिए आप शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. ऐसा करने से परिवार पर शनि दोष दूर हो जाता है.
शनि दोष से निवृत्ति के लिए करें ये उपाय
शनि दोष से निवृत्ति के लिए पुराने वस्त्र, जूते-चप्पल का त्याग करें. काले तिल, उड़द, तेल, कंबल, काला वस्त्र, स्टील पात्र, नीलम रत्न, भैंस-पाड़े का दान करें. इससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है.
मौनी अमावस्या पर गंगास्नान का विशेष महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन संगम में स्नान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद सहज ही प्राप्त होता है. क्योंकि माघ मास में संगम स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और मौनी अमावस्या माघ माह में ही होती है. इस दिन गंगास्नान करने से भी व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती.
21 या 22 जनवरी मौनी अमावस्या कब?
पंचाग के अनुसार माघ महीने की अमावस्या तिथि 21 जनवरी 2023 शनिवार को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और 22 जनवरी 2023 को सुबह 02 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार मौनी अमावस्या 21 जनवरी 2023 को है. इसी दिन स्नान और दान करना शुभ रहेगा.