चतुर्ग्रही योग में मनेगी मौनी अमावस्या, दुर्लभ संयोग में स्नान दान होगा पुण्यकारी

Maghi Amavasya 2024: मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग, चतुर्ग्रही योग तथा शवण नकत्र के साथ व्यतिपात योग होने से इस दिन पुण्यप्रदायक संयोग बन रहा है, इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

By Radheshyam Kushwaha | February 6, 2024 8:14 AM
an image

Maghi Amavasya 2024: सनातन धर्म के अति पवित्र माघ मास के अमावस्या यानि मौनी अमावस्या 9 फरवरी दिन शुक्रवार को शवण नकत्र एवं व्यतिपात योग के पुण्यप्रदायक संयोग में मनायी जायेगी. इसी दिन से द्वापर युग का आरंभ हुआ था. महात्मा ऋषि मनु का अवतरण भी इसी दिन हुआ था, इसीलिए इसे मनु अमावस्या भी कहते है. मान्यता है कि इस दिन समस्त देवी-देवता पवित्र संगम में निवास करते है, इसलिए इस दिन गंगा का जल अमृत से समान हो जाता है, इस दिन गंगा सनान से तन-मन निर्मल तथा निरोग काया के साथ पाप कय होते है. मौनी अमावस्या दुख, दरिदता से मुक्ति और कार्य मे सफलता दिलाती है, इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिन मौन व्रत रखने का भी विधान है.

ग्रहों-गोचरों का बन रहा दुर्लभ संयोग

मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग, चतुर्ग्रही योग तथा शवण नकत्र के साथ व्यतिपात योग होने से इस दिन पुण्यप्रदायक संयोग बन रहा है. इस योग मे पितरो का तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति तथा पितृ तृप्त होकर वंश वृद्धि का आशीष देते है. झा ने कहा कि मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने से विशेष ऊर्जा की पराप्ति होती है. इस दिन गंगा नदी मे सनान मात्र से दैहिक (शारीरिक), भौतिक (अनजाने मे किया गया पाप), दैविक (ग्रहों, गोचरों का दुर्यग) तीनों प्रकार पापो से मुक्ति मिलती है.

मौनी अमावस्या तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या तिथि 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 1 मिनट से आरंभ होगी, जो अगले दिन 10 फरवरी सुबह 4 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी, इसलिए मौनी अमावस्या 9 फरवरी को मनाई जाएगी.

Also Read: मौनी अमावस्या पर इन चीजों का करें ये दान, जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त और स्नान-दान के नियम
मौनी अमावस्या व्रत के नियम

मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने का विधान है. इस दिन नदी-सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए. सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. व्रत का संकल्प लेने के बाद मौन रहने का प्रयास करना चाहिए. माघी अमावस्या के दिन अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करना चाहिए. माघ अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Exit mobile version