Mauni Amavsaya 2022 : शास्त्रों में अमावस्या की तिथि को विशेष बताया गया है. माघ मास की कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या की तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. सभी अमावस्या की तिथियों में मौनी अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है. इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है. इस साल मौनी अमावस्या 5 फरवरी, शनिवार 2022 को पड़ रही है.
मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत रखें. इसके साथ ही व्रत का संकल्प लें. भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर में पीले फूल, केसर, चंदन, घी का दीपक और प्रसाद के साथ पूजन करें. इसके बाद विष्णु चालीसा का पाठ करें. इसके बाद विधि-विधान से आरती करें. इसके बाद विष्णु भगवान को पीले रंग की मीठी चीज से भोग लगाए.
सुबह या शाम को स्नान के पहले संकल्प लें. सबसे पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें. इसके बाद ही स्नान करें. इसके बाद साफ वस्त्र पहनें और जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें. फिर अपने सामर्थ्थ के अनुसार दान-पुण्य करें.
शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने से विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या पर गंगा नदी में स्नान करने से दैहिक (शारीरिक), भौतिक (अनजाने में किया गया पाप), दैविक (ग्रहों, गोचरों का दुर्योग) तीनों प्रकार पापों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि इस दिन सभी देवी-देवता गंगा में वास करते हैं, जो पापों से मुक्ति देते हैं.
1. मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.
2. इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए. गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं.
3. अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें.
4. यदि आप अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं.
5. हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए. इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.