आगराः नगर निकाय चुनाव में अभी तक नहीं बना पिछड़े वर्ग का महापौर, नई आरक्षण नीति से जागी उम्मीद
आगरा जिले में नगर निगम के अलावा सात नगर पंचायत व पांच नगर पालिका है. उनमें भी चुनाव होने हैं. नगर निगम में 14 लाख से अधिक मतदाता हैं. जिसमें अनुसूचित पिछड़ा व सवर्ण मतदाता बहुल सीट है. जिला प्रशासन ने नई अधिसूचना को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं.
आगराः नगर निकाय चुनाव के लिए दिसंबर में अधिसूचना जारी की गई थी. जिसको निरस्त करते हुए पिछड़ा वर्ग आयोग की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार इस बार नगर निकाय चुनाव होंगे. नगर निकाय चुनाव के लिए नए आरक्षण की अधिसूचना लगभग 48 घंटे में जारी की जा सकती है. इसके बाद से आगरा में 100 वार्डों के लिए दावेदार अपनी ताल ठोकना शुरू कर देंगे.
बता दें कि आगरा में नगर निगम के इतिहास की बात की जाए तो अभी तक यहां पिछड़ा वर्ग से कोई भी महापौर नहीं बना. आगरा में 30% आबादी पिछड़े वर्ग की है. नगर निगम आगरा के चुनाव दिसंबर के अंत और जनवरी में प्रस्तावित थे. जिसके लिए 100 वार्डों की आरक्षण सूची भी जारी कर दी गई थी. वहीं इन सभी 100 वार्डों में से 13 वार्ड ऐसे थे जिनमें आरक्षण नहीं बदला गया था और 18 सीटें सामान्य महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थी. लेकिन हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव पर रोक लगाते हुए चुनाव में ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया.
अप्रैल से मई महीने में निकाय चुनाव
जिसके बाद उत्तर प्रदेश में शहरी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को तय करने के लिए गठित पिछड़ा वर्ग आयोग ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. योगी सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में इस सर्वे रिपोर्ट को मंजूरी दे दी. ऐसे में सरकार ने रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दिया है और अप्रैल से मई महीने में निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं.
नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण
नगर निकाय चुनाव के लिए नए आरक्षण की अधिसूचना करीब 48 घंटे में जारी हो सकती है. ऐसे में जल्द ही नगर निकाय चुनाव का बिगुल उत्तर प्रदेश में बज जाएगा. अनुसूचित वर्ग महिला के लिए पिछली अधिसूचना में नगर निगम मेयर सीट आरक्षित हुई थी. पिछड़ा वर्ग सर्वे के बाद नई अधिसूचना में आगरा में हर सीट पर बदलाव की उम्मीद नजर आ रही है. 100 वार्डों में 27 वार्ड पहले से ही पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है.
नगर निगम में 14 लाख से अधिक मतदाता
आगरा जिले में नगर निगम के अलावा सात नगर पंचायत व पांच नगर पालिका है. उनमें भी चुनाव होने हैं. नगर निगम में 14 लाख से अधिक मतदाता हैं. जिसमें अनुसूचित पिछड़ा व सवर्ण मतदाता बहुल सीट है. जिला प्रशासन ने नई अधिसूचना को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं. मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण चल रहा है.
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कई वार्डों के बदले जाएंगे नंबर
2023 निकाय चुनाव में वार्डों का परिसीमन हुआ है और नए क्षेत्र जोड़े गए हैं. वहीं कई वार्डों के नंबर भी बदले गए हैं. देखने वाली बात होगी कि नहीं आरक्षण नीति के आधार पर इस बार पिछड़ा वर्ग की सीटों में कितना बदलाव आता है. और महापौर की सीट किस वर्ग को मिलती है.