झारखंड में खसरे से मरने वालों की संख्या बढ़ी! WHO की रिपोर्ट में दावा, सरकार चलाएगी टीकाकरण अभियान
राज्य के नौ जिलों में खसरे के बढ़ते मामलों से चिंतित झारखंड सरकार ने 15 अप्रैल से पांच सप्ताह तक विशेष खसरा-रूबेला अभियान चलाने का फैसला किया है. WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र, झारखंड, गुजरात और हरियाणा में खसरे के सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं.
Jharkhand : राज्य के नौ जिलों में खसरे के बढ़ते मामलों से चिंतित झारखंड सरकार ने 15 अप्रैल से पांच सप्ताह तक विशेष खसरा-रूबेला अभियान चलाने का फैसला किया है. WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र, झारखंड, गुजरात और हरियाणा में खसरे के सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं. वहीं, 2022 में, संसद में कहा गया था कि देश भर में लगभग 40 बच्चे खसरे से मर गए, जिनमें से 9 झारखंड के थे. देश में रिपोर्ट किए गए खसरे के 230 मामलों में से 120 झारखंड से थे.
45,62,492 बच्चों को टीका लगाया जाएगा
अभियान के तहत 9 माह से 15 वर्ष आयु वर्ग के 45,62,492 बच्चों को टीका लगाया जाएगा. राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने नौ जिलों के उपायुक्तों, सिविल सर्जनों और अधिकारियों को अभियान को सफल बनाने का निर्देश दिया है. जिन जिलों में अभियान चलाया जाएगा उनमें दुमका, पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, जामताड़ा, देवघर, धनबाद, कोडरमा और गिरिडीह शामिल हैं. जिन बच्चों को पहले टीका लगाया जा चुका है, उन्हें दोबारा टीका लगाया जाएगा.
बच्चों को टीका लगाया जाता है तो बीमारी फैलने की संभावना कम
झारखंड स्वास्थ्य सेवा संघ (जेएचएसए) के महानिदेशक बीरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि अगर सभी बच्चों को टीका लगाया जाता है तो बीमारी फैलने की संभावना कम हो जाएगी. वहीं, केंद्र सरकार डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ के माध्यम से टीकाकरण अभियान की निगरानी करेगी. अभियान में स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा एवं समाज कल्याण विभाग को शामिल किया गया है.
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खसरा एक वायरस से फैलने वाला संक्रामक रोग
सीसीएल अस्पताल गांधीनगर के डॉ जितेंद्र कुमार ने बताया कि खसरा एक वायरस से फैलने वाला संक्रामक रोग है और इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है. आगे उन्होंने कहा कि लक्षणों में शरीर पर लाल चकत्ते, बुखार, नाक बहना, आंखें लाल होना और खांसी शामिल हैं. संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने के अलावा यह हवा के जरिए भी फैलता है.