गंगा में फेंक देंगे मेडल, इंडिया गेट पर करेंगे आमरण अनशन, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कही यह बात
कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है. उन्होंने अपने मेडल गंगा नदी में फेंकने की बात भी कही. 28 मई को संसद के सामने प्रदर्शन करने जा रहे पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.
दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गये और जंतर-मंतर में धरना स्थल से हटाये गये देश के शीर्ष पहलवानों ने मंगलवार को कहा कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने पदक गंगा नदी में फेंक देंगे और इंडिया गेट पर ‘आमरण अनशन’ पर बैठेंगे. रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान में कहा कि पहलवान मंगलवार को शाम छह बजे पदकों को पवित्र नदी में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार जायेंगे
साक्षी मलिक
साक्षी मलिक ने बयान में कहा, ‘पदक हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. हम इन्हें गंगा में बहाने जा रहे हैं. इनके गंगा में बहने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जायेगा इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जायेंगे.’ साक्षी की साथी पहलवान विनेश फोगाट ने भी इस बयान को शेयर किया. मंगलवार को हरिद्वार में गंगा दशहरा है और संभवत: एक ऐसा दिन जब बड़ी संख्या में लोग वहां पूजा करने आयेंगे.
Also Read: Wrestlers Protest: बजरंग पुनिया, साक्षी और विनेश के खिलाफ FIR, नीरज चोपड़ा ने जताया दुख
28 में हिरासत में लिये गये थे पहलवान
रविवार को दिल्ली पुलिस ने साक्षी के साथ विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता विनेश फोगाट और एक अन्य ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया को हिरासत में लिया और बाद में उनके खिलाफ कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज की. जंतर-मंतर पर ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को दिल्ली पुलिस ने जबरदस्ती बस में डाला जब रविवार को पहलवानों और उनके सामर्थकों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नये संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की.
नये संसद के सामने प्रदर्शन करने जा रहे थे पहलवान
पहलवानों को नये संसद भवन की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं थी. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था और पुलिस ने जब पहलानों और उनके समर्थकों को रोका तो उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई. विरोध करने वाले पहलवानों और उनके समर्थकों को राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया और बाद में रिहा कर दिया गया. पहलवानों को बसों में डालने के बाद पुलिस अधिकारियों ने धरना स्थल पर मौजूद चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल की छत सहित अन्य सामान को हटा दिया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह पहलवानों को प्रदर्शन स्थल दोबारा आने की स्वीकृति नहीं देगी.