Jharkhand News (धनबाद) : स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर कोरोना हॉस्पिटल के वार्डों में ड्यूटी नहीं करने से बच रहे डॉक्टरों की जांच होगी. इसके लिए मेडिकल टीम गठित की गयी है. टीम की रिपोर्ट पर ही डॉक्टरों के आवेदन पर विचार होगा. डीसी सह अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार उमा शंकर सिंह के निर्देश पर एडीएम लॉ एंड ऑर्डर चंदन कुमार के नेतृत्व में एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है.
डीसी उमा शंकर सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के उचित स्वास्थ्य प्रबंधन तथा समय पर मरीजों के उपचार के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार द्वारा चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति विभिन्न डेडीकेटेड कोविड हेल्थ केयर सेंटर व अस्पतालों में की जा रही है. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से यह उजागर हुआ है कि बहुत सारे चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी एवं अन्य पदाधिकारी स्वास्थ्य संबंधी कारणों का उल्लेख करते हुए योगदान देने में असमर्थता व्यक्त कर रहे हैं. इसलिए एडीएम लॉ एंड ऑर्डर की अध्यक्षता में एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया है जो प्रत्येक सप्ताह के गुरुवार को लगेगा.
बोर्ड के द्वारा प्राप्त आवेदनों का मूल्यांकन करते हुए स्पष्ट अनुशंसा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार को की जायेगी. मेडिकल बोर्ड में सिविल सर्जन, SNMMCH के ऑर्थोपेडिक विभाग, सर्जरी विभाग, औषधि विभाग, प्रसूति एवंं स्त्री रोग विभाग के विभागाध्यक्ष तथा एशियन जालान हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉक्टर कुणाल किशोर सदस्य होंगे.
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धनबाद डीसी ने डॉ एमपी साहा, डॉ संदीप कुमार केडिया, डॉ प्राची सिंह तथा डॉ सुनीत को 24 घंटे के अंदर सर्किट हाउस स्थित कोविड कंट्रोल वार रूम में योगदान देने का निर्देश दिया है. डीसी ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए जिले में उपलब्ध चिकित्सकों की सेवा प्राप्त करने के लिए चारों चिकित्सकों को पत्र द्वारा परिसदन स्थित कोविड कंट्रोल वार रूम में योगदान देने के लिए निर्देश दिया था. लेकिन, इन चिकित्सकों ने उसका अनुपालन अब तक नहीं किया है.
कोरोना महामारी की विकट घड़ी में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने चारों चिकित्सकों के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को गंभीरता से लिया है. आज अंतिम रूप से चारों चिकित्सकों को निर्देश दिया है कि वे अपना योगदान 24 घंटे के अंदर दें. अन्यथा उनके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धाराओं के अंतर्गत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. सनद हो कि पिछले दिनों 15 निजी चिकित्सकों को कोरोना अस्पतालों तथा केयर सेंटरों में ड्यूटी लगायी गयी है.
Posted By : Samir Ranjan.