West Bengal News: पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आया मेदिनीपुर का क्रिकेट टूर्नामेंट
West Bengal News: पार्थ चटर्जी की मां स्व शिवानी चटर्जी की स्मृति में आयोजित इस प्रतियोगिता में विजेताओं को दिये गये पुरस्कार आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में होने वाली ऐसी ही किसी भी दूसरी प्रतियोगिता की तुलना में बेहद आकर्षक थे.
West Bengal News: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार होने के बाद पार्थ चटर्जी से जुड़ी कई विषयों पर अब लोगों की पैनी नजर है. ऐसा ही मामला एक क्रिकेट टूर्नामेंट से जुड़ा है. इस क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन पश्चिम मेदिनीपुर के चंद्रकोना रोड स्थित एक क्लब द्वारा इस वर्ष फरवरी महीने में किया गया था. प्रतियोगिता टेनिस बॉल से खेली गयी थी.
पुरस्कार में दी गयी कार, बाइक
पार्थ चटर्जी की मां स्व शिवानी चटर्जी की स्मृति में आयोजित इस प्रतियोगिता में विजेताओं को दिये गये पुरस्कार आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में होने वाली ऐसी ही किसी भी दूसरी प्रतियोगिता की तुलना में बेहद आकर्षक थे. यहां बतौर पुरस्कार चार चक्के वाली गाड़ी, मोटर बाइक के अलावा लाखों रुपये के नकद पुरस्कार भी दिये जाने का मामला चर्चा में है.
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चर्चा में ‘शिवानी चट्टोपाध्याय स्मृति एजीएसी कप’ टूर्नामेंट
पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी और फिर उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से करोड़ों रुपये नकद मिलने के बाद इस टूर्नामेंट की चर्चा ज्यादा होने लगी है. पार्थ के विरोधियों का कहना है कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि प्रतियोगिता और उसमें दिये जाने वाले इनाम के लिए पैसे कहां से आये थे. गौरतलब है कि प्रतियोगिता के दौरान पार्थ चटर्जी आयोजन में सशरीर तो मौजूद नहीं थे, लेकिन उनकी मां के नाम पर प्रतियोगिता का नामकरण, ‘शिवानी चट्टोपाध्याय स्मृति एजीएसी कप’ किया गया था.
पार्थ चटर्जी के करीबी थे प्रतियोगिता के कर्ताधर्ता
आरोप है कि एक स्थानीय क्लब को आयोजक के तौर पर सामने रखे जाने के बावजूद प्रतियोगिता के मूल कर्ताधर्ता पार्थ चटर्जी के करीबी लोग ही थे. तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता के आयोजन में 10 लाख रुपये से अधिक खर्च हुए होने का अनुमान है. चंद्रकोना रोड फुटबॉल मैदान में 16 टीमों ने इस टूर्नामेंट में तब हिस्सा लिया था, जिसमें देश भर से खिलाड़ी विभिन्न टीमों की ओर से खेलने पहुंचे थे.
विजेता को दिये गये थे 2 लाख रुपये
विजयी टीम को दो लाख रुपये का नकद इनाम दिया गया था. उप विजेता टीम को 1.5 लाख रुपये दिये गये थे. विजेता व उपविजेता दोनों को ही ‘स्वर्गीय शिवानी चट्टोपाध्याय ट्रॉफी’ भी दी गयी थी. मैन ऑफ द टूर्नामेंट को एक गाड़ी दी गयी. फाइनल के मैन ऑफ द मैच को कीमती बाइक बतौर पुरस्कार दी गयी. प्रतियोगिता को आकर्षक बनाने के लिए लाइव कमेंट्री और उसके लिए कमेंट्री बॉक्स की भी व्यवस्था की गयी थी.
भाजपा नेता उठा रहे आयोजन पर सवाल
बताया जाता है कि इस आयोजन में कृष्णेंदु नामक उनका कोई करीबी खास भूमिका में था. प्रतियोगिता के खर्च को लेकर पार्थ के विरोधी नये सिरे से सवाल खड़े करने लगे हैं. जिला के भाजपा नेताओं का कहना है कि ग्रामीण इलाके में इतनी बड़ी पुरस्कार राशि वाली प्रतियोगिता का खर्च कहां से आया, यह समझ से परे है. इसकी जांच की जानी चाहिए.
कृष्णेंदु ने अपने प्रभाव का किया इस्तेमाल
तृणमूल सूत्रों के मुताबिक, कृष्णेंदु ने इसके लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया था और पैसे इकट्ठा किये थे, लेकिन इस बाबत सटीक तौर पर किसी को कुछ नहीं पता. दूसरी तरफ, कृष्णेंदु के मुताबिक, वह इस आयोजन के पीछे नहीं थे. उन्होंने कहा है कि एजीएसी कप का आयोजन हर वर्ष अग्रगामी एथलेटिक्स क्लब द्वारा किया जाता है.
तृणमूल नेताओं ने साधी चुप्पी
हालांकि, क्लब सूत्रों का कहना है कि क्लब की बैठक में चर्चा के बगैर ही इस बार प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इनके अनुसार, व्यक्तिगत कोशिशों से इसका आयोजन किया गया हो सकता है. पता चला है कि इस बार के टूर्नामेंट की जिम्मेदारी क्लब ने नहीं ली थी. हालांकि जिला तृणमूल के नेता-कार्यकर्ता इस संबंध में अब भी खुल कर बोलने से परहेज रख रहे हैं.