Meen Sankranti 2022: जब सूर्य ग्रह राशि परिवर्तन करते है, तो उस दिन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है. 14-15 मार्च की मध्यरात्रि में सूर्य मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. मीन संक्रांति का खास महत्व है. 12:15 पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. जहां ये 14 अप्रैल तक रहेंगे. सूर्य के मीन में प्रवेश का दिन मीन संक्रांति कहलाएगा.
14 मार्च को सूर्य रात 12:16 मिनट में कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर चुके हैं. मीन राशि में सूर्य 14 अप्रैल की सुबह 8:43 मिनट तक रहेंगे. मीन संक्रांति का महापुण्य काल 15 मार्च सुबह 6:31 मिनट से सुबह 8:31 मिनट तक रहेगा.
मीन संक्रांति का शास्त्रों में बड़ा महत्व बताया गया है. इस दिन को धार्मिक दृष्टि से पवित्र और शुभ नहीं माना जाता बल्कि व्यावहारिक रूप से भी उत्तम माना जाता है. मीन संक्रांति से सूरज की गति उत्तरायण की ओर बढ़ रही होती है. उत्तरायण काल में सूरज उत्तर दिशा की ओर उदय होता दिखाई देता है. उसमें दिन का समय बढ़ जाता है और रातें छोटी हो जाती हैं. इसके साथ ही प्रकृति में नया जीवन शुरू हो जाता है. इस समय वातावरण और हवा भी शुद्ध हो जाती है. ऐसे में देव उपासना, योग, ध्यान, पूजा, तन, मन और बुद्धि को पुष्ट करते हैं. इस समय रातें छोटी होने के कारण नकारात्मक शक्तियों में भी कमी आ जाती है और दिन में ऊर्जा प्राप्त है होती है.
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मीन संक्रांति के दिन गंगा जैसी पवित्र नदी में स्नान करने का खास महत्व बताया गया है.
अगर किसी वजह से आप नदियों में स्नान के लिए नहीं जा सकते, तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल डालकर स्नान कर लें.
इस दिन भगवान सूर्य की पूजा जरूर करें. इस दिन उगते सूर्य को तांबा के लोटे में जल भरकर अर्घ्य दें.
सूर्य देव को अर्घ्य देने से स्वास्थ्य लाभ होता है. साथ ही नेगेटिव एनर्जी से मुक्ति मिलती है.
इस दिन गाय को चारा खिलाना शुभ माना जाता है.
संक्रांति के दौरान दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन जरूरतमंदों को वस्त्र, तिल और अनाज का दान करें.
मीन संक्रांति के दिन भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप करें साथ ही आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें.
मीन संक्रांति के विशिष्ट दिन पर विशेष चीजों को दान करना बहुत शुभ माना जाता है. अधिकांश लोग इस दिन को दिव्य आशीर्वाद को ग्रहण करना दिन मानते हैं. मीन संक्रांति का दिन दान पुण्य करने के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है. मीन संक्रांति के दिन दान का अत्यधिक महत्व है. इसलिए इस दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए. मीन संक्रांति के दिन भूमि का दान करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. मीन संक्रांति के दिन से मलमास का आरंभ होता है. इसलिए मलमास की अवधि में मांगलिक कार्य जैसे नामकरण, विद्या आरंभ, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृह प्रवेश आदि वर्जित माने गए हैं. इसलिए इन शुभ कर्यों को नहीं करना चाहिए.