Meen Sankranti 2023: कब है मीन संक्रांति? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विघि और इसका महत्व
Meen Sankranti 2023: मीना संक्रांति 12 संक्रांतियों में से ही एक है. वर्ष के अंतिम माह में आने वाली संक्रांति को ही मीना संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. 15 मार्च 2023 को मीन संक्रांति है.
Meen Sankranti 2023: 15 मार्च 2023 को मीन संक्रांति है. मीना संक्रांति भी इन 12 संक्रांतियों में से ही एक है. वर्ष के अंतिम माह में आने वाली संक्रांति को ही मीना संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. इस दिन मीन राशि का प्रभाव सूर्य पर पड़ता है. सूर्य का स्थान प्रत्येक महीने में बारह राशियों में बदलता रहता है और सूर्य के राशि में प्रवेश करने से संक्रांति का अनुमान लग जाता है.
मीन संक्रांति पूजा विधि
सुबह के समय स्नान के उपरांत सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए और मंत्रों का उच्चारण करते रहना चाहिए. मलमाह के समय भगवान श्री विष्णु और महादेव की पूजा से बहुत लाभ होता है और आर्शीवाद की प्राप्ति होती है. सूर्य देव की अराधना से स्वास्थ्य ठीक रहता है और मन भी पवित्र हो जाता है. इस दिन गौ माता को भरपेट चारा खिलाना चाहिए.
मीन संक्रांति का महत्व
भारत के दक्षिणी क्षेत्रों में इसे मीन संक्रमण के नाम से भी बुलाया जाता है. इस दिन भूमि दान करने खुशहाल जीवन की प्राप्ति होती है. भूमि दान न कर सकने वाले लोग इस दिन अन्य दान करते हैं और ग़रीबों को खाना खिलाते हैं. पंजाब, केरल और तमिलनाडु राज्य में प्रत्येक माह के शुरूआत में मीना संक्रांति को मनाया जाता है.
मीन संक्रांति के दिन करें ये काम
मीन संक्रांति के दिन गंगा या गोदावरी नदी में स्नान करने का काफी महत्व है. अगर आप किसी कारणवश नहीं जा सकते हैं तो घर में ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर उसी से स्नान कर लीजिए.
मीन संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा करना चाहिए. इस दिन उगते हुए सूर्य को तांबा के लोटे में जल भरकर अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ के साथ नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है.
इस दिन भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप करने के साथ आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें.
संक्रांति के दौरान दान करने का काफी अधिक महत्व है. इसलिए इस दिन अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार वस्त्र, तिल और अनाज का दान कर सकते हैं.
मीन संक्रांति के दिन गाय का चारा खिलाना भी शुभ माना जाता है.