गिरिडीह, मृणाल कुमार सिन्हा. झारखंड की राजधानी रांची से 191 किलोमीटर दूर स्थित है गिरिडीह जिला. यहां एक साइबर कैफे चलाने वाले शख्स को ‘ब्लड मैन’ (Bloodman of Giridih) का नाम दिया गया है. गिरिडीह के ब्लड मैन का नाम रमेश यादव है. वह गिरिडीह शहर के बरगंडा विश्वनाथ मंदिर के समीप रहते हैं. एक साइबर कैफे चलाते हैं और सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
वर्षों से समाज सेवा में जुटे गिरिडीह के रमेश यादव (Ramesh Yadav the Blood Man) ने रक्तदान के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनायी है. पिछले 20 वर्षों से रमेश यादव रक्तदान कर रहे हैं. वह रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं. इसकी प्रेरणा उन्हें अपने परिवार से ही मिली है. रमेश स्वयं साल में चार बार रक्तदान करते हैं और अन्य लोगों को भी प्रत्येक 90 दिन के बाद रक्तदान करने के लिए प्रेरित करते हैं.
रमेश यादव से प्रेरित होकर करीब 2,000 से अधिक रक्तदाता हर साल कम से कम तीन बार जरूर रक्तदान करते हैं. रमेश सदैव रक्तदान करवाने के लिए प्रयास करते रहते हैं. समय-समय पर जिला में रक्तदान कैंप का आयोजन भी करते हैं. श्री यादव ने बताया कि वर्ष 2003 में उन्होंने पहली बार रक्तदान किया. इसके बाद उन्हें अलग-अलग क्षेत्र से फोन पर रक्त उपलब्ध कराने के लिए कहा जाने लगा.
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रमेश यादव से जब भी कोई मदद मांगता, वह उसके लिए रक्तदान करने या करवाने के लिए पहुंच जाते. बाद में उन्होंने श्रेय क्लब की स्थापना की और इस क्लब में वैसे युवकों को जोड़ा, जो रक्तदान करने लोगों की मदद करने के लिए तैयार रहते थे. धीरे-धीरे क्लब में ऐसे युवकों की संख्या बढ़ने लगी और उनकी पहचान न सिर्फ गिरिडीह जिला बल्कि झारखंड प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बन गयी.
रमेश को रक्तदान कराने के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है. श्री यादव ने बताया कि अपने क्लब के माध्यम से 11 जनवरी 2023 तक कुल 10,164 यूनिट रक्तदान करवा चुके हैं. उन्होंने बताया कि वे हर दिन किसी न किसी जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध कराते हैं. इसलिए उन्हें अब लोग ‘ब्लड मैन’ के नाम से भी पुकारने लगे हैं.