धालभूमगढ़ एयरपोर्ट निर्माण को लेकर जल्द होगी विभागों की बैठक, झारखंड समेत बंगाल और ओडिशा को होगा फायदा
पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का निर्माण होने से यहां की आधारभूत संरचना बदल जाएगी. एयरपोर्ट निर्माण को लेकर जल्द सभी विभागों की बैठक होगी. संभावना है कि जल्द ही मुख्य सचिव हवाई अड्डा स्थल का दौरा कर सकते हैं. इसके निर्माण से झारखंड समेत बंगाल और ओडिशा के कई जिलों को लाभ मिलेगा.
Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत धालभूमगढ़ में हवाई अड्डा निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए जल्द ही सभी विभागों की बैठक आयोजित की जायेगी. बैठक में सभी पक्ष मिलकर हवाई अड्डा निर्माण में आ रही अड़चनों को दूर करने का प्रयास करेंगे. बैठक में सांसद, विधायक, उपायुक्त, एडीसी, एसडीओ, वन विभाग, अंचल कार्यालय के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. इसके बाद समग्र रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेजी जायेगी. रिपोर्ट का आकलन खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व मुख्य सचिव सुखदेव सिंह करेंगे. इसके बाद जमीनी हकीकत जानने के लिए मुख्य सचिव धालभूम हवाई अड्डा स्थल का निरीक्षण कर सकते हैं.
एयरपोर्ट के बनने से झारखंड समेत बंगाल और ओडिशा के कई जिलों को मिलेगा लाभ
प्रशासन की पूर्व तैयारी रिपोर्ट में बताया गया है कि धालभूमगढ़ में हवाई अड्डा के निर्माण से क्षेत्र की आधारभूत संरचना में व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा. हर क्षेत्र में आर्थिक बदलाव-सुधार देखने को मिलेंगे. इसका लाभ उद्योग, व्यवसाय, हेल्थ, शिक्षा व अन्य कई क्षेत्रों को मिलेगा. हवाई सेवा से अनुमानत: पहले साल में 52 हजार से अधिक पैसेंजर उड़ान भरेंगे. पूर्वी, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला के कुछ हिस्से, पश्चिम बंगाल व ओडिशा के कई जिलों को इससे लाभ मिलेगा.
रिपोर्ट में एलिफेंट कॉरिडोर का नहीं है जिक्र
विभागीय रिपोर्ट में एलिफेंट कॉरिडोर का जिक्र नहीं है. सिर्फ इस बात की चर्चा है कि जंगल कुछ कम होगा और जानवरों के चारे की कुछ किल्लत होगी. निर्माण की जद में सड़क, पब्लिक की आधारभूत संरचना, स्कूल, रेलवे लाइन, इलेक्ट्रिक लाइन आदि के आने का जिक्र नहीं है. धालभूमगढ़ हवाई अड्डा निर्माण के लिए प्रस्तावित वनभूमि का रकबा 97.168 हेक्टेयर दर्शाया गया है. उसी रकवा के आधार पर रिपोर्ट में गणना की गयी है. इसमें सुधारअपेक्षित बताया गया है.
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प्रस्तावित भूमि का रकबा 99.266 हेक्टर है
वन प्रमंडल पदाधिकारी के मुताबिक, अपयोगन के लिए प्रस्तावित भूमि का रकबा 99.266 हेक्टर है. इसके साथ ही प्रस्ताव से संबंधित वनाधिकार अधिनियम 2008 के तहत संबंधित उपायुक्त का प्रमाण पत्र एवं ग्रामसभा की कार्रवाई की जानी है. वन विभाग ने इस पर जानकारी दी है कि फॉरेस्ट राइट एक्ट (एफआरए) 2006 वन अधिकारों का एक अधिनियम है, जो वन में रहने वाले आदिवासी समुदायों के साथ-साथ वन संसाधनों में रहने वाले अन्य पारंपरिक वनों के अधिकारों को मान्यता देता है. इसकी प्रक्रिया प्रगति पर है. एफआरए प्रमाण पत्र मिलते ही उसे समर्पित किया जाने की बात विभागीय स्तर से कही गयी है.
जमशेदपुर के लोगों का ड्रीम प्रोजेक्ट : सांसद
सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि जमशेदपुर के लोगों का ड्रीम प्रोजेक्ट है कि धालभूमगढ़ में अपना हवाई अड्डा बने. वे भी देश-विदेश के साथ जमशेदपुर को एयर कनेक्टिविटी के साथ जोड़ें, ताकि उन्हें दूर-दराज से आने में किसी तरह की दिक्कत न हो. राज्य सरकार इस पर काफी गंभीर है, लगातार अड़चनों का समाधान किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर केंद्रीय मंत्री से भी मदद ली जायेगी.