Loading election data...

मेरी भी सुनो : हजारीबाग की बेड़म पंचायत में पुल नहीं होने से आवागमन में होती परेशानी, नहीं ले रहा कोई सुध

हजारीबाग जिला अंतर्गत टाटीझरिया की बेड़म पंचायत के ग्रामीण एक अदद पुल की आस में बरसो से हैं. पुल नहीं होने से बारिश के दिनों में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. लेकिन, इस समस्या के समाधान की ओर आज तक किसी का ध्यान नहीं गया है, जबकि क्षेत्र के ग्रामीणा कई बार पुल और सड़क निर्माण की गुहार लगा चुके हैं.

By Samir Ranjan | August 2, 2023 9:43 PM

टाटीझरिया (हजारीबाग), सोनू पांडेय : हजारीबाग जिला अंतर्गत टाटीझरिया की बेड़म पंचायत के लोग इन दिनों काफी परेशान है. कारण है घटौइया नदी में पुल नहीं बनने से ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. सबसे अधिक परेशान बारिश के दिनों में होती है. बारिश के दिनों में इस नदी में पानी भर जाता है. इस कारण आवागमन में काफी परेशानी होती है. ग्रामीण यहां एक पुल बनाने की मांग बरसों से कर रहे हैं, लेकिन इनकी समस्या के समाधान के लिए किसी के पास फुर्सत नहीं है.

बेड़म पंचायत के छह गांव के ग्रामीणों को होती परेशानी

बेड़म पंचायत से चौंचा, सिमरा, मंगरपट्टा की ओर जाने के लिए घटौइया नदी में पुल नहीं रहने के कारण पांच-छह गांवों के लोगों को बरसात के दिनों में काफी दिक्कत होती है. खासकर गर्भवती और बीमार-बुजुर्ग को काफी परेशानी होती है. टाटीझरिया प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने के लिए भी इस नदी पर कोई पुल नहीं है.

Also Read: झारखंड में जिला परिषद व ग्राम पंचायतें होंगी और मजबूत, सीएम हेमंत सोरेन ने कही बात

बारिश के दिनों में ग्रामीणों को होती परेशानी

बारिश के दिनों में ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. संबंधित गांवों के लोग नदी पर पुल बनाने की मांग पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी इस समस्या की ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं. बरसात के दिनों में घटौइया नदी में पानी काफी बढ़ जाता है. इस कारण ग्रामीणों को आने-जाने में डर लगता है.

बारिश के दिनों में 30 किलोमीटर की दूरी तय कर आना पड़ता है प्रखंड मुख्यालय

नदी के उस पार की बेडम पंचायत अंतर्गत छह गांव चौंचा, सिमरा, चुडको, मंगरपट्टा और पतरंगा के हजारों ग्रामीणों को इस नदी से प्रखंड मुख्यालय आने-जाने में 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. लेकिन बारिश के दिनों में छह गांव के ग्रामीणों को आंगो थाना होते हुए लगभग 30 किलोमीटर तय कर प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता है.

Also Read: बोकारो के जैनामोड़ में जल्द खुलेगा झारखंड का तीसरा टूल रूम, रोजगार के खुलेंगे अवसर, जानें कैसे

नदी पार कर पंचायत सचिवालय जाते हैं ग्रामीण

बता दें कि इन छह गांवों की पंचायत बेडम है. यहां हर दिन ग्रामीणों का आना-जाना लगा रहता है. ग्रामीणों को छोटे-छोटे कामों के लिए हर दिन बेडम पंचायत की पंचायत सचिवालय 10 से 15 किलोमीटर दूरी तय कर आंगो से होते हुए यहां आना पड़ता है. इसके अलावा बेड़म, ज़ुल्मी और पलमा गांव का पोस्ट आफिस परतंगा पडता है. परतंगा आने के लिए ग्रामीणों को नदी पार करना पड़ता है.

सालो से बनी है समस्या

घटौइया नदी में पुल नहीं होने से आसपास के करीब एक दर्जन गांव के ग्रामीण प्रभावित होते हैं. ये ग्रामीण नदी में दो-तीन फीट पानी रहने पर तो नदी को पार कर लेते हैं, लेकिन पानी की बढ़ोतरी होने पर उनके सामने परेशानी खड़ी हो जाती है. जबकि नदी में अभी भी करीब तीन फीट पानी है. इस कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कत से नदी को पार करना पड़ रहा है. दो पहिया वाहनों को पार करने में तो और परेशानी होती है.

Also Read: बोकारो की सेवाती घाटी में लगे बंगाल के बोर्ड पर झारखंड विधानसभा में गूंजा मामला, जानें लेटेस्ट अपडेट

जनप्रतिनिधि समेत नेताओं को कई बार लगा चुके हैं गुहार

बेड़म निवासी कुलेश्वर महतो, जगन्ननाथ महतो और जुगेश्वर महतो ने कहा कि कई बार जनप्रतिनिधियों समेत नेताओं को पुल व रोड बनाने के लिए कहा गया, पर अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ. घटौइया नदी में पुल बनने से दर्जनों गांव जुड़ जाएंगे. पुल नहीं रहने से बरसात में नदी की दोनों तरफ के गांवों के ग्रामीणों को आंगो आने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.

Next Article

Exit mobile version