14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Kanpur Metro: सितंबर से बनेगा सेंट्रल और नयागंज के बीच सुरंग, टनल में उतारी गई रेल की पटरी

Kanpur Metro: कानपुर सेंट्रल स्टेशन से नयागंज के बीच मेट्रो सुरंग बनने का निर्माण सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगा. डीएम ने नवीन मार्केट से बड़ा चौराहा और नयागंज से सेंट्रल स्टेशन पर मेट्रो के कार्यों का दौरा किया.

Kanpur Metro: सितंबर के पहले सप्ताह से कानपुर सेंट्रल स्टेशन से नयागंज के बीच मेट्रो सुरंग बनने का निर्माण शुरू हो जाएगा. मेट्रो के अफसरों ने यह जानकारी जिलाधिकारी विशाख जी को दी है. डीएम ने नवीन मार्केट से बड़ा चौराहा और नयागंज से सेंट्रल स्टेशन पर मेट्रो के कार्यों का दौरा किया. निरीक्षण के दौरान नवीन मार्केट मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल के साथ-साथ पब्लिक एरिया और बैकअप एरिया पर बिजली व मैकेनिकल फिटिंग कार्य लक्ष्य के मुताबिक मिला.

बता दें कि नवीन मार्केट से बड़ा चौराहे के बीच दोनों टनल बोरिंग मशीन सुरंग बनाने का काम कर रही थीं. सेंट्रल मेट्रो स्टेशन के टनल बोरिंग मशीन के कई घटकों को एक-एक कर ग्राउंड लेवल से बेस लेवल पर उतारने की तैयारी देखी.

टनल में उतारी गई रेल की पटरी

कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के पहले कॉरिडोर (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत निर्माणाधीन चुन्नीगंज-नयागंज भूमिगत सेक्शन के बड़ा चौराहा भूमिगत स्टेशन में रेल लोअर करने (ज़मीन के नीचे उतारने) की प्रक्रिया शुरू हो गई. 1 टन वजनी 18 मीटर के रेल (पटरी) को स्टेशन पर मौजूद कट आउट से लगभग 17.5 मीटर नीचे उतारा गया.

आने वाले दिनों में ऐसे लगभग 228 रेल नीचे उतारे जाएंगे जिन्हें चुन्नीगंज- नयागंज सेक्शन के अंतर्गत निर्माणाधीन बड़ा चौराहा स्टेशन से नयागंज के बीच ‘अपलाइन’ और ‘डाउनलाइन’ टनल में बिछाया जाएगा. इसके साथ ही भूमिगत टनल के अंदर मेट्रो ट्रैक बिछाने की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी. कुछ दिन पहले 30 जुलाई को उक्त स्टेशन पर एफबीडब्लू (फ्लैश बट्ट वेल्ड) प्लांट पहले ही नीचे उतारा जा चुका है. इस प्लांट का उपयोग ट्रैक की वेल्डिंग के लिए किया जाता है. उपरिगामी मेट्रो के तरह ही भूमिगत मेट्रो के लिए भी बैलेस-लेस (गिट्टी-रहित) ट्रैक का ही प्रयोग किया जाएगा.

बैलेस-लेस ट्रैक के फ़ायदे

बैलेस-लेस ट्रैक में बैलेस यानी गिट्टी नहीं होती. इस वजह से इन्हें न के बराबर मेंटेनेंस की ज़रूरत पड़ती है. मेट्रो परियोजनाओं में मेनलाइन पर आमतौर पर बैलेस-लेस ट्रैक ही इस्तेमाल होता है, क्योंकि 15-16 घंटों के ट्रेन ऑपरेशन्स के दौरान, ट्रेनें बहुत ही कम समय-अंतराल पर चलती हैं, जिस वजह से ऑपरेशन्स के दौरान ट्रैक का मेंटेनेंस संभव नहीं होता.

बैलेस-लेस ट्रैक पर ट्रेन की स्टैबिलिटी बेहतर होती है और ट्रेन के अंदर यात्रियों को न के बराबर वाइब्रेशन या झटका महसूस होता है, जो यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाता है. बैलेस वाले ट्रैक की अपेक्षा इन ट्रैक्स की लाइफ़ साइकल अधिक होती है यानी ये लंबे समय तक चलते हैं. वर्तमान में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम कॉरिडोर के अंतर्गत चुन्नीगंज-नयागंज भूमिगत सेक्शन के अलावा कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन पर और बारादेवी-नौबस्ता उपरगिमी सेक्शन पर भी निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें