झारखंड में मनरेगा मजदूरी भुगतान में भी आरक्षण ! सामान्य व OBC श्रेणी के मजदूरों को क्यों नहीं मिल रही मजदूरी

Jharkhand News: झारखंड के सामान्य व ओबीसी श्रेणी के 20 लाख मजदूरों का लगभग 308 करोड़ रुपये मजदूरी भुगतान लंबित है. बताया जा रहा है कि अगर ऐसी स्थिति रही तो अपने परिवार का भरण पोषण के लिए मजदूर पलायन करने पर विवश हो जायेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2021 3:25 PM
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Jharkhand News: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत झारखंड में काम कर रहे अदर श्रेणी (सामान्य व ओबीसी श्रेणी) के मजदूरों को काम करने के बावजूद पिछले दो महीने से मजदूरी नहीं मिल रही है, लेकिन इस अवधि में काम करने वाले एससी व एसटी श्रेणी के मनरेगा मजदूरों का भुगतान उनके खाते में किया जा रहा है. सभी जिलों में संचालित मनरेगा के भुगतान रिकॉर्ड से इसकी पुष्टि होती है.

जानकारी के अनुसार अन्य श्रेणी के मजदूरों के भुगतान पर पाबंदी लगायी गयी है. यही कारण है कि एक ही योजना में एक साथ काम करने वाले ओबीसी, सामान्य, एससी व एसटी मजदूरों में से सिर्फ एससी व एसटी मजदूरों के खाते में नियमित मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है. राज्य के 20 लाख मजदूरों का लगभग 308 करोड़ रुपये मजदूरी भुगतान लंबित है. बताया जा रहा है कि अगर ऐसी स्थिति रही तो अपने परिवार का भरण पोषण के लिए मजदूर पलायन करने पर विवश हो जायेंगे.

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केस स्टडी- एक (गढ़वा)

गढ़वा के रमकंडा प्रखंड मुख्यालय में अशोका देवी के खेत में डोभा निर्माण योजना में मस्टर रोल संख्या 10274 में अन्य श्रेणी के सात व एससी श्रेणी के बचिया देवी, जितेंद भुईयां व मनोहर भुईयां ने एक साथ पिछले 13 से 19 नवंबर तक मजदूरी की, लेकिन सिर्फ एससी श्रेणी के तीनों मजदूरों को मजदूरी की राशि 30 नवंबर को उनके खाते में पहुंची है.

केस स्टडी- दो (पलामू)

पलामू के पाटन प्रखंड की सगुना पंचायत के ग्राम टंडवा में खुशबू देवी के खेत में मेड़बंदी निर्माण योजना में मस्टर रोल संख्या 26423 के माध्यम से अन्य श्रेणी के सात व एससी श्रेणी के सुमन कुमारी, पारो देवी व संदीप कुमार ने पिछले 27 अक्टूबर से दो नवंबर तक मजदूरी की, लेकिन सिर्फ एससी श्रेणी के इन तीनों मजदूरों को पिछले 10 नवंबर को उनके खाते में मजदूरी पहुंच गयी.

केस स्टडी- तीन (देवघर)

देवघर के पालोजोरी प्रखंड की दुधानी पंचायत के अंतर्गत डोमाडीह ग्राम में दिलीप पंडित के जमीन पर तालाब निर्माण योजना में मस्टर रोल संख्या 45509 के माध्यम से एक साथ अदर श्रेणी के छह मजदूरों सहित एसटी श्रेणी के सुकर मोहिली ने पिछले नौ नवंबर से 15 नवंबर तक इस योजना में मजदूरी की, लेकिन अन्य श्रेणी को छोड़ सुकर महली के खाते में पिछले 24 नवंबर को मजदूरी की राशि भेज दी.

केस स्टडी-चार (लातेहार)

लातेहार के मनिका प्रखंड की बरवइया कला पंचायत अंतर्गत ग्राम चामा में महेंद्र सिंह के जमीन में टीसीबी निर्माण योजना में मस्टर रोल 17846 के तहत पिछले 29 अक्टूबर से चार नवंबर तक अन्य श्रेणी के दो मजदूरों सहित एसटी श्रेणी के महेंद्र सिंह, विकास कुमार सिंह, चिंता देवी, शिवबीपी सिंह, अमरेश सिंह, माना देवी व गुजर उरांव ने मजदूरी की, लेकिन अन्य श्रेणी को छोड़ एसटी श्रेणी के इन सात मजदूरों के खाते में 12 नवंबर को मजदूरी भुगतान कर दिया गया.

केस स्टडी- पांच (हजारीबाग)

हजारीबाग के इचाक प्रखंड के डुमरांव पंचायत अंतर्गत फुलदाहा में सुरेश पासवान के भूमि पर टीसीबी निर्माण योजना में मस्टर रोल संख्या 20891 के तहत 21 नवंबर से एक दिसंबर तक अन्य श्रेणी के आठ मजदूरों सहित एससी श्रेणी के राहुल कुमार पासवान व एसटी श्रेणी के श्यामलाल गंझू ने इस योजना में एक साथ काम किया, लेकिन अन्य श्रेणी के मजदूरों को छोड़ एससी व एसटी श्रेणी के इन दोनों मजदूरों के खाते में सात दिसंबर को राशि भेज दी गयी.

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जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में अन्य श्रेणी( ओबीसी व सामान्य) के करीब 28 लाख सक्रिय मनरेगा मजदूर है. वहीं एससी श्रेणी में करीब 4.60 लाख और एसटी श्रेणी के करीब 12 लाख सक्रिय मनरेगा मजदूर हैं. गढ़वा में अदर श्रेणी के सक्रिय मनरेगा मजदूरों की संख्या 2.51 लाख तो वहीं खूंटी में 0.22 लाख है. इसी तरह बोकारो में 1.38 लाख, चतरा में 1.23 लाख, देवघर में 1.76 लाख, धनबाद में 1.15 लाख, दुमका में 1.41, पूर्वी सिंहभूम में 1.01, गिरिडीह में 3.0, गोड्डा में 1.45, गुमला में 0.59, हजारीबाग में 1.64, जामताड़ा में 1.14, कोडरमा में 0.78, लातेहार में 0.91, लोहरदगा में 0.29, पाकुड़ में 0.82, पलामू में 2.10, रामगढ़ में 0.57, रांची में 1.34, साहेबगंज में 1.14, सरायकेला-खरसांवा में 0.94, सिमडेगा में 0.39 व पश्चिमी सिंहभूम में 0. 51 लाख अन्य श्रेणी के मनरेगा मजदूर हैं. इधर, अक्टूबर से लेकर अब तक मनरेगा में कार्य कर चुके करीब 20 लाख मजदूरों का लगभग 308 करोड़ रुपये मजदूरी भुगतान लंबित पड़ा हुआ है. सबसे अधिक गढ़वा जिले में 1.83 लाख मजदूरों का 38.55 करोड़ तो वहीं खूंटी जिले में सबसे कम 22 हजार मजदूरों का 2.66 करोड़ रुपये मजदूरी भुगतान बकाया है.

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जिला मजदूर(लाख में) बकाया राशि(करोड़ में)

बोकारो 0.95 12.29

चतरा 0.76 10.97

देवघर 1.74 22.41

धनबाद 0.60 9.47

दुमका 0.98 19.34

पूर्वी सिंहभूम 0.58 6.96

गढ़वा 1.83 38.55

गिरिडीह 2.33 33.41

गोड्डा 0.83 11.97

गुमला 0.42 6.06

हजारीबाग 1.37 21.45

जामताड़ा 0.89 12.28

खूंटी 0.22 2.66

कोडरमा 0.29 7.07

लातेहार 1.35 17.90

लोहरदगा 0.22 2.95

पाकुड़ 0.52 6.87

पलामू 1.20 18.98

रामगढ़ 0.39 5.27

रांची 0.72 10.65

साहिबगंज 0.39 8.46

सरायकेला-खरसावां 0.63 10.40

सिमडेगा 0.34 5.0

पश्चिमी सिंहभूम 0.47 7.5

रिपोर्ट: विनोद पाठक/मुकेश तिवारी

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