धनबाद में मनरेगा में बड़ी गड़बड़ी पकड़ायी, आवंटित राशि से अधिक की हुई निकासी, जानें पूरा मामला

धनबाद के गोविंदपुर में मनरेगा के तहत बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गयी है, दरअसल प्रखंड के चार पंचायतों में आवंटन से अधिक राशि की निकासी का मामला सामने आया है. कई जनप्रतिनि‍धियों को इस मामले में शो कॉज नोटिस जारी हुआ है

By Prabhat Khabar News Desk | February 14, 2022 11:31 AM
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( संजीव झा ) धनबाद : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत गोविंदपुर प्रखंड की चार पंचायतों में आवंटन से अधिक राशि की निकासी का मामला पकड़ में आया है. इन पंचायतों में 14.17 लाख रुपये से अधिक निकासी की गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद हड़कंप मच गया है. चारों पंचायतों के प्रधान (मुखिया), रोजगार सेवक व पंचायत सचिव को शो-कॉज किया गया है.

मनरेगा के तहत प्रखंड की खरनी, आसनबनी टू, बिराजपुर व बरियो पंचायत में राज्य स्तर से चालू वित्त वर्ष में 35 लाख 63 हजार 676 रुपये स्वीकृत हुआ था. सामग्री मद में इतनी ही राशि खर्च करने की अनुमति थी. लेकिन इन चारों पंचायतों में सामग्री मद में 49 लाख 81 हजार रुपये की निकासी हो गयी. मतलब 14 लाख 17 हजार 324 रुपये अधिक निकासी हो गयी. ग्रामीण विकास विभाग झारखंड के पत्रांक-131 (एन) दिनांक 04.02.2022 के तहत राशि का भुगतान होना है.

अधिक निकासी की जांच शुरू :

अधिकृत सूत्रों के अनुसार, अधिक राशि निकासी की सूचना मिलते ही प्रशासन रेस हो गया है. मामले की प्रारंभिक जांच शुरू हो गयी है. प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार ने प्रधान, पंचायत सचिव एवं रोजगार सेवकों को शो-कॉज कर पूछा है कि किस परिस्थिति में सामग्री मद में राज्य स्तर से निर्धारित राशि से अधिक की निकासी हुई. यह दिशा-निर्देश का घोर उल्लंघन है. सभी कर्मियों तथा चारों प्रधान को 48 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया है. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.

अब प्रतिदिन योजना स्थल की होगी फोटोग्राफी

अधिकृत सूत्रों के अनुसार, मनरेगा में लगातार मिल रही शिकायतों के आलोक में ग्रामीण विकास विभाग ने नया निर्देश जारी किया है. इसके तहत अब मनरेगा के तहत चल रहे विकास कार्यों के स्थल पर सुबह-शाम फोटोग्राफी होगी. रोजगार सेवक एवं पंचायत सचिव को सुबह नौ तथा अपराह्न चार बजे कार्यस्थल में कार्यरत मजदूरों का समूह फोटो लेकर भेजना है. इसमें वैसे मजदूरों का ही फोटो लेने को कहा गया है, जिनका नाम उस योजना के मस्टर रोल में हो. इससे मनरेगा के क्रियान्वयन में लगे कर्मियों को परेशानी बढ़ गयी है.

Posted By: Sameer Oraon

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