लोहरदगा जिला के कुड़ू प्रखंड के टाटा डुमरटोली गांव निवासी किरणमाला टोप्पो अपने खेत में जायका परियोजना के तहत सूक्ष्म टपक सिंचाई विधि अपनाकर पूरे साल भर सब्जियों की खेती कर रही हैं. इसकी वजह से उनका परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध हुआ है. इस कार्य में उन्होंने अपनी बहू प्रेमदानी टोप्पो को भी जोड़ लिया और उनका रजिस्ट्रेशन जायका परियोजना में करा दिया है.
सिंचाई की सुविधा और पानी की बचत होने से अब वह सालों भर खेती कर पा रही हैं. लोहरदगा की किरणमाला टोप्पो कहती हैं कि टपक सिंचाई खेती से उन्हें साल भर खेती करने का मौका मिलता है. इसके पहले वह मात्र छह माह ही खेती कर पाती थीं, जिसमें वह केवल धान और मक्का की खेती किया करती थीं. कभी-कभी टमाटर और बैगन सब्जी फसल कर पाती थी, छोटे-छोटे टुकड़ों में सब्जी खेती से उनको अच्छी आमदनी नहीं होती थी.
खेती पर निर्भर होने से उनके परिवार को पूरे वर्ष आजीविका चलाने में काफी समस्या होती थी. किरणमाला ने बताया कि जब सुचारू रूप से खेती करने के लिए जब मैंने घर पर बोरिंग कराया, जो खेत से काफी दूर होने के कारण केवल छोटी भूमि पर ही खेती कर पाती थी. ज्यादा बोरिंग चलाने से जिस कुआं से हम पानी पीते हैं, वह सूखने लगा. इसलिए गरमा मौसम में सीमित मात्रा में ही खेती कर पाती थी.
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उन्होंने बताया कि सूक्ष्म टपक सिंचाई विधि से खेती शुरू करने के लिए मैंने खेती के नये-नये तौर तरीकों, संसाधनों के बारे में जानना शुरू किया. उनके इस्तेमाल के बारे में जानकारी जुटायी. उन्हें इस्तेमाल करना सीखा. अब पूरे वर्ष खेती कर पाती हूं और इसकी वजह से हमारी आमदनी भी बढ़ी है.
किरणमाला ने वर्ष 2020 में सूक्ष्म टपक सिंचाई की योजना ‘जायका परियोजना’ से ली. 25 डिसमिल जमीन पर खेती शुरू की. वर्ष 2020 में करेला की खेती करके उसे 16 हजार रुपये से ज्यादा की कमाई हुई. उसी वर्ष मटर की खेती से किरणमाला ने 22 हजार रुपये से अधिक की कमाई की. वर्ष 2021 में मिर्च की खेती की और उससे 48 हजार रुपये तथा मटर की खेती से 35 हजार रुपये की कमाई की. वर्ष 2022 में तरबूज की खेती से किरणमाला को लगभग 30 हजार रुपये की कमाई हुई.