झारखंड के प्रवासी मजदूर की दुबई में मौत, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, MLA विनोद सिंह ने दी सांत्वना
मुखिया संतोष मंडल ने बताया कि अगस्त महीने में मृतक मजदूर दिनेश रविदास काम करने के लिए दुबई गया था. दुबई में वह कुक (रसोइया) का काम करता था. एक सप्ताह से तबीयत खराब चल रही थी. इलाज के लिए इसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज के क्रम में प्रवासी मजदूर की मौत हो गयी.
Jharkhand News: झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के अटका पारटांड़ निवासी प्रवासी मजदूर दिनेश रविदास (50 वर्ष) की दुबई में मौत हो गयी. मौत की सूचना परिजनों को दो दिन पहले दी गयी. इस बाबत अटका पूर्वी के मुखिया संतोष मंडल ने बताया कि अगस्त महीने में मृतक मजदूर दिनेश रविदास काम करने के लिए दुबई गया था. दुबई में वह कुक (रसोइया) का काम करता था. एक सप्ताह से मजदूर दिनेश रविदास की तबीयत खराब चल रही थी. इलाज के लिए इसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज के क्रम में प्रवासी मजदूर की मौत हो गयी.
मृतक के परिवार से मिलने पहुंचे विधायक
दुबई में काम कर रहे स्थानीय लोगों के द्वारा इसकी मौत की सूचना परिजनों को दी गयी. मृतक दिनेश रविदास अपने पीछे पत्नी व एक लड़का और दो लड़की समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गया. घटना की सूचना मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक मजदूर दिनेश रविदास की मौत की सूचना पाकर रविवार को बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह अटका गांव पहुंचे और शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात की और सांत्वना दिया. हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया.
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कुक के रूप में था कार्यरत
मृतक दुबई में केसीसी कंपनी में कुक के रूप में काम करता था. मृतक के घर पहुंचे विधायक श्री सिंह ने कंपनी के उच्च अधिकारियों से बात की और कहा कि मृतक प्रवासी मजदूर के पार्थिव शरीर को बिना देरी किये मुआवजा और सहायता राशि के साथ भेजा जाए. मौके पर विधायक श्री सिंह के अलावा माले प्रखंड सचिव पवन महतो, पंस टेकनारायन साव, मुखिया संतोष मंडल, मनोहर लाल मंडल, विनोद रवि समेत अन्य मौजूद रहे.
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पलायन की मजबूरी
आपको बताते चलें कि गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड की आबादी का एक बड़ा हिस्सा देश-विदेश में नौकरी की तलाश में जाता है. खासकर वहां युवा वर्ग काम करते हैं. इस दौरान उनके साथ लगातार अप्रिय घटनाएं घटती रहती हैं. इससे उनके परिवार के समक्ष भुखमरी और रोजी-रोटी की चिंता सताने लगती है. राज्य में रोजगार नहीं मिल पाने के कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन करने पर विवश हैं.
रिपोर्ट : कुमार गौरव, बगोदर, गिरिडीह