गोरखपुर. ” मैं, होली मनाने के लिये अपने घर आया था. त्योहार मना लिया. अब मुझे अपने काम पर लौटना था लेकिन वापसी के लिये चंडीगढ़ का कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा है.” कन्फर्म टिकट के लिये इंतजार करने वाले बगहा के मनीष शुक्ला उन लाखों प्रवासियों में से एक हैं जो काम पर लौटने के लिये ट्रेनों में जगह होने से उत्पन्न स्थिति का सामना कर रहे हैं. गोरखपुर से दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के प्रमुख व्यावसायिक शहरों तक जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग टिकट मिलना भी चुनौती बन गया है.
पूर्वांचल के लाखों प्रवासी लोग होली का त्योहार मनाने के लिये हर साल की तरह इस बार भी अपने घर आए थे. होली बीत जाने के बाद सभी को वापस काम पर लौटना है. मुंबई, सूरत, हैदराबाद, सिकंदराबाद जाने वालों की संख्या सबसे अधिक है. इन शहरों की यात्रा के लिये ट्रेनों में पैर रखने को जगह नहीं मिल रही. होली स्पेशल ट्रेनों में भी कंफर्म टिकट नहीं है. ऐसे में छुट्टी लेकर आये पूर्वांचल के लाखों लोगों को काम धंधे पर लौटने की चिंता सताने लगी है.
पूर्वांचल और बिहार के कई जिलों के लोग गोरखपुर से ट्रेन पकड़ते हैं. सामान्य तो छोड़िये तत्काल कोटा से भी कंन्फर्म टिकट नहीं मिल पा रही है.अधिकतर ट्रेनों की वेटिंग टिकट 100 को पार कर गयी है. गोरखपुर से बनकर चलने वाली 12555 गोरखधाम एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास की वेटिंग 300 से ऊपर पहुंच गई है. 12553 वैशाली एक्सप्रेस में भी टिकट वेटिंग है. गोरखपुर से ट्रेन तीनों मंडल में 18 जोड़ी होली स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. लेकिन टिकट उनमें भी नहीं मिल पा रहा है.
– 12553 वैशाली एक्सप्रेस –10 मार्च को स्लीपर क्लास में 148 और थर्ड एसी में 50 वेटिंग.
– 12555 गोरखधाम एक्सप्रेस–10 मार्च को स्लीपर क्लास में 300 एसी थर्ड में 113 वेटिंग.
– 12391गोरखपुर यशवंतपुर एक्सप्रेस–11 मार्च को स्लीपर क्लास में 262 एसी थर्ड में 40 वेटिंग.
– 11038 गोरखपुर पुणे एक्सप्रेस– 11 मार्च को स्लीपर क्लास में 296 और एसी थर्ड में 66 वेटिंग.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप