हजारीबाग के मिहिर वत्स को 2022 का युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार, इनके बारे में जानें

हजारीबाग के मिहिर वत्स साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2022 से नवाजे जाएंगे. इनका चयन अंग्रेजी में लिखी टेल्स ऑफ हजारीबाग, एन इंटीमेंट एक्सप्लोरेशन ऑफ छोटानागपुर प्लेटो पुस्तक के लिए हुआ है. इसमें हजारीबाग पठारी क्षेत्र की यात्रा संस्मरण है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2022 8:35 PM
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Jharkhand News: हजारीबाग के मिहिर वत्स को साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार, 2022 अंग्रेजी भाषा में नवाजा गया. हजारीबाग के इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय की शिक्षिका तनुजा मिश्रा के पुत्र मिहिर वत्स टेल्स ऑफ हजारीबाग, एन इंटीमेंट एक्सप्लोरेशन ऑफ छोटानागपुर प्लेटो (Tales of Hazaribagh, An intimate Exploration of Chhotanagpur Plateau) पुस्तक अंग्रेजी भाषा में लिखा है, जो हजारीबाग पठारी क्षेत्र यात्रा संस्मरण है. 24 अगस्त को साहित्य अकादमी ने अवार्ड की घोषणा की है. इस बार झारखंड से एकमात्र मिहिर वत्स अवार्ड प्राप्त करेंगे. इस दौरान ताम्र पत्र के साथ 50 हजार की पुरस्कार राशि मिलेगा.

पुस्तक लिखने की प्रेरणा

प्रभात खबर से बात करते हुए मिहिर वत्स ने कहा कि झारखंड के पठारी भूमि भूगोल और सुंदरता को देखकर प्रेरणा मिली. पहली पुस्तक 2014 में काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ था. उस पुस्तक का नाम पेटिंग-रेड सर्किल वाइट है. वहीं, आगे के लक्ष्य के बारे में कहा कि छोटानागपुर के पठारी क्षेत्र से नाता रहा है. इस कारण शोध भी इसी पर कर रहा हूं.

रवींद्रनाथ टैगोर हैं इनका आइडियल

मिहिर ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में उनका आइडियल रवींद्रनाथ टैगोर हैं. इसके अलावा अमेरिकन राइटर जॉन नीववर भी हैं. कहा कि साहित्य का छात्र होने के कारण गहरा लगाव है. वहीं, इस उपलब्धि पर उन्होंने कहा कि मुझे काफी खुशी महसूस हो रही है. हजारीबाग शहर को राष्ट्रीय स्तर पर लोग पढ़ेंगे.

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दूसरे राज्यों से लें सीख

झारखंड के विकास के संदर्भ में मिहिर ने कहा कि प्राकृतिक के संवेदना से ओतप्रोत होकर विकास होना चाहिए. माइनिंग कर रहे हैं तो इतना न हो कि प्रकृति ही खत्म हो जाय. झारखंड बने हुए 22 साल हो गये. झारखंड राज्य के पास यह अवसर उपलब्ध है. वह दूसरे राज्यों से सीख ले सकते हैं.

इस क्षेत्र में उपलब्धियां

मिहिर वत्स को वर्ष 2013 में श्रीनिवास राइप रोल पोएट्री प्राइज मिला. वहीं, 2015 में देश के सबसे युवा चाल्स वौलेश फेलो मिला. उस समय उनकी उम्र 23 वर्ष थी. स्काउटलैंड के स्टर्लिंग यूनिवर्सिटी में चाल्स वौलेश फेलो मिला था.

मिहिर वत्स का परिचय

मिहिर वत्स का जन्म हजारीबाग में हुआ. डीएवी स्कूल, हजारीबाग से मैट्रिक और प्लस टू की पढ़ाई की. स्नातक और पीजी की पढ़ाई दिल्ली से किया. बिहार के सहरसा के रहने वाले इनके पिता का नाम किशोर कुमार झा है, जो संस्कृत विषय के प्रोफेसर हैं. वहीं, इनकी माता तनुजा मिश्रा इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की संस्कृत शिक्षिका से सेवानिवृत हुई है. वर्तमान में मिहिर मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग, IIT दिल्ली से पीएचडी कर रहे हैं.

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रिपोर्ट : सलाउद्दीन, हजारीबाग.

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