Dhanbad news: धनबाद में माइनिंग उद्योग सुरक्षित और स्मार्ट बने इसके लिए आइआइटी आइएसएम ने कई अंतर्राष्ट्रीय करार किया है. अपने परिसर में अत्याधुनिक लैब स्थापित कर रहा है. इसी कड़ी में संस्थान ने पिछले दिनों स्वीडन की जानी मानी माइनिंग कंपनी सैंडविक के साथ करार किया था. अब सैंडविक के सहयोग से संस्थान में माइनिंग इंडस्ट्री में नयी टेक्नोलॉजी पर शोध के लिए लैब की स्थापना की गयी है. इसका उद्घाटन आज यानि मंगलवार को होगा. इस लैब का नाम माइनिंग व रॉक टेक्नोलॉजी सैंडविक माइन ऑटोमेशन लर्निंग सेंटर है.
देश का इकलौता लैब है माइनिंग लैब
आइआइटी-आइएसएम (IIT-ISM) के विशेषज्ञों के अनुसार, यह लैब अपने आप में देश का इकलौता लैब है. ऐसा माइनिंग लैब देश के किसी भी आइआइटी में नहीं है. इस अत्याधुनिक लैब का लाभ सिर्फ आइआइटी-आइएसएम के शिक्षक व छात्रों तक ही समिति नहीं रहेगा. बल्कि बाहरी छात्र व उद्योग के एक्सपर्ट इस लैब का लाभ ले सकते हैं. इस लैब की स्थापना का मुख्य उद्देश्य माइनिंग सेक्टर में आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस (एआइ) को बढ़ावा देना है. ताकि इनिंग सेक्टर को सुरक्षित और न्यूनतम प्रदूषण युक्त बन सके.
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खदानों को ऑटोमेटेड बनाने के लिए किया जाएगा शोध
इस अत्याधुनिक लैब में डीप अंडर ग्राउंड माइनिंग को मानव रहित बनाने और पूरी तरह से ऑटोमेटेड बनाने के लिए भी शोध किया जाएगा. संस्थान के उपनिदेशक व जाने माने माइनिंग एक्सपर्ट प्रो. धीरज कुमार ने बताया कि इस लैब की मदद से माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग की क्षमता में विकास होगा. इस लैब के शुरू होने के बाद इस विभाग के सिलेबस में ऑटोमेशन को जोड़ा जायेगा. उन्होंने बताया कि बाहरी छात्र भी यहां प्रशिक्षण के लिए आवेदन दे सकते हैं. इस लैब की स्थापना संस्थान के सीआरआइ लैब में की गयी है.