खनन उद्योग को सुरक्षित और स्मार्ट बनाने के लिए माइनिंग ऑटोमेशन लर्निंग सेंटर जरूरी

आइआइटी आइएसएम की सीआरइ बिल्डिंग में बने सैंडविक माइनिंग ऑटोमेशन लर्निंग सेंटर का उद्घाटन मंगलवार को स्वीडेन दूतावास के काउंसेल मार्कस लुंडग्रेन की उपस्थिति में हुआ.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2022 2:05 PM

Dhanbad News: आइआइटी आइएसएम की सीआरइ बिल्डिंग में बने सैंडविक माइनिंग ऑटोमेशन लर्निंग सेंटर का उद्घाटन मंगलवार को स्वीडेन दूतावास के काउंसेल मार्कस लुंडग्रेन की उपस्थिति में हुआ. मुख्य अतिथि खान सुरक्षा महानिदेशालय के महानिदेशक प्रभात कुमार थे. लैब का संचालन संस्थान में स्थापित टेक्समिन (टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब) द्वारा किया जायेगा. सैंडविक ने इस लैब की स्थापना सीएसआर कार्य के तहत की है.

कर्मचारियों को सेंटर करेगा ट्रेंड

मौके पर डीजीएमएस के डीजी प्रभात कुमार ने कहा : खनन उद्योग को सुरक्षित और स्मार्ट बनाने के लिए जरूरी है कि इस लैब में खनन उद्योग के कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाये. स्वीडीस काउंसेल मार्कस लुंडग्रेन ने कहा : यह यह लैब भारत में सस्टेनेबल खनन को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा. सैंडविक एशिया हेड किरण आचार्या ने बताया : उनकी कंपनी और आइआइटी आइएसएम मिलकर खनन उद्योग को नयी दिशा देने में सफल होंगे. आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो राजीव शेखर ने कहा : आने वाले समय में खनन नवीनतम तकनीक, स्वचालन और डिजिटलाइजेशन के उपयोग पर आधारित होगा. इसमें यह लर्निंग सेंटर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

छात्रों को मिलेगा नि:शुल्क प्रशिक्षण

उप निदेशक प्रो धीरज कुमार ने कहा कि यह लर्निंग सेंटर यूजी के विद्यार्थियों को खनन इंजीनियरिंग की आवश्यक ज्ञान प्रदान करेगा. इसके लिए थर्ड इयर के सिलेबस के माइन ऑटोमेशन और डाटा एनालिटिक्स विषय की पढ़ाई शुरू की गयी है. बाहरी छात्रों को यहां नि:शुल्क समर इंटर्नशिप करायी जायेगी. एक बैच में 24 छात्र प्रशिक्षण ले सकते हैं. लैब में छात्रों प्रशिक्षण देने के लिए 10 फैक्लटी को प्रशिक्षण दिया गया है. इस लैब को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा.

आइआइटी के स्मार्ट इंडिया हैकथॉन में 19 टीम हिस्सा लेंगी

आइआइटी आइएसएम को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन की ओर से आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 के ग्रैंड फिनाले के लिए नोडल सेंटर बनाया गया है. आइआइटी इस कार्यक्रम के लिए देश भर में बनाये गये 75 नोडल सेंटर में से एक है. ग्रैंड फिनाले का आयोजन 25 और 26 अगस्त को किया जायेगा. यहां आयोजित फिनाले में देश भर की 19 टीमें हिस्सा लेंगी. यह जानकारी मंगलवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर संस्थान की ओर से दी गयी है. प्रेस वार्ता में निदेशक प्रो राजीव शेखर, उपनिदेशक व आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो धीरज कुमार, आयोजन समिति सचिव प्रो पंकज मिश्रा, प्रो अजीत कुमार थे. आयोजन समिति के सचिव प्रो पंकज मिश्रा ने बताया कि हैकथॉन में हिस्सा लेने वाली प्रत्येक टीम में छह सदस्य होंगे.

टीम में 23 मेंटोर, 69 छात्र और 44 छात्राएं शामिल

अब तक के रजिस्ट्रेशन के अनुसार टीम में 23 मेंटोर, 69 छात्र और 44 छात्राएं कैंडिडेट शामिल हैं. यहां आने वाली सभी टीम हैकेथॉन के सॉफ्टवेयर प्रॉब्लम पर काम करेंगी. प्रो अजीत कुमार ने बताया कि 25 अगस्त को सुबह आठ बजे हैकेथॉन शुरू होगा. मुख्य कार्यक्रम 25 को रात के 9.33 बजे से शुरू होगा. 36 घंटे आयोजन स्थल पर बिताने के बाद इसका परिणाम 26 अगस्त को रात 8.20 बजे घोषित किया जायेगा. इस दौरान प्रतिभागी टीम के सदस्य आयोजन स्थल से बाहर नहीं निकलेंगे. उनके आराम और खाने की व्यवस्था आयोजन स्थल पर ही की गयी है. प्रो धीरज कुमार ने बताया कि हैकेथॉन में टीमों को दिये गये हर समस्या के लिए अलग विजेता होंगे. विजेता को एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जायेगा. एक समस्या के एक से अधिक विजेता होने पर दूसरे पुरस्कार के लिए 75 हजार और तीसरे पुरस्कार के लिए 50 हजार नकद पुरस्कार दिये जायेंगे.

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