विधानसभा में मंत्री मलय घटक की बिगड़ी तबीयत, कराया गया अस्पताल में भर्ती
मलय घटक की बीमारी के बारे में सुनकर मंत्री फिरहाद हकीम, स्पीकर बिमान बनर्जी और कई अन्य लोग मलय के कमरे में पहुंचे. तुरंत डाॅक्टरों को भी जानकारी दी गई.
पश्चिम बंगाल में कानून मंत्री मलय घटक आज विधानसभा स्थित अपने कक्ष में अचानक बीमार पड़ गये. उन्हें तुरंत दक्षिण कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. सभा से मंत्री के परिवार वालों को इसकी जानकारी दी गई. मलय घटक की बीमारी के बारे में सुनकर मंत्री फिरहाद हकीम, स्पीकर बिमान बनर्जी और कई अन्य लोग मलय के कमरे में पहुंचे. तुरंत डाॅक्टरों को भी जानकारी दी गई. चिकित्सकों ने जांच की और पाया कि रक्तचाप कम कर 122/60 पर पहुंच गया था. इसके बाद मंत्री को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की गयी. फिरहाद हकीम भी बीमार मंत्री के साथ अस्पताल पहुंचे थे.
फिलहाल मंत्री का अस्पताल में चल रहा है इलाज
विधानसभा के डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि मंत्री को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए. इसके बाद कानून मंत्री को व्हीलचेयर पर बैठाकर विधानसभा से बाहर ले जाया गया. इसके बाद मंत्री अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुंचे. वहां डॉक्टर उन्हें देख रहे हैं. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, कई टेस्ट भी किए जाएंगे. हालांकि मंत्री मलय घटक फिलहाल ठीक है.
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बेलव्यू क्लीनिक में किया गया भर्ती
कोलकाता के मेयर व राज्य शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम उन्हें बेलव्यू क्लीनिक में उन्हें भर्ती करवाया. उधर, अस्पताल के सीईओ प्रदिप टंडन ने बताया कि, मंत्री मलय घटक वायरल फीवर से पीड़ित हैं. उन्हें तेज बुखार व खांसी के साथ अस्पताल में दाखिल कराया गया है. मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ राहुल जैन मंत्री की चिकित्सा कर रहे हैं. अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्री पिछले दो तीन दिनों से बुखार से पीड़ित हैं. वहीं अस्पताल में भर्ती होने से पहले कानून मंत्री सदन की कार्रवाही में हिस्सा लिये थे.
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कैबिनेट की बैठक में लिया था हिस्सा
विधानसभा में मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई थी. मलय घटक भी बैठक में शामिल हुए थे. बैठक में ही वह खुद को बीमार महसूस कर रहे थे. ऐसे में बैठक को छोड़ कर वह विधानसभा स्थित अपने कक्ष में चले गये थे. बाद में स्थिति और भी जटिल हो गयी. तुरंत विधानसभा के डॉक्टरों को सूचित किया गया. ज्ञात हो कि, कोयला तस्करी मामले में राज्य के कानून मंत्री मलय घटक पर लंबे समय से ईडी के रडार हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी उन्हें कई बार तलब कर चुकी है. लेकिन अब तक मंत्री ईडी के पूछ ताछ में हिस्सा नहीं लिये हैं.
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कई बार मलय घटक को मिल चुका है ईडी का नोटिस
ईडी सूत्रों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है कि घटक को दिल्ली बुलाया गया है. इससे पहले भी कोयला तस्करी की जांच के सिलसिले में कानून मंत्री मलय घटक को नोटिस भेजकर ईडी दफ्तर बुलाया गया था. बंगाल में पंचायत चुनाव होने का कारण बताकर उन्होंने उपस्थित होने से इनकार कर दिया था. मंत्री ने ईडी से कुछ और समय मांगा था. इसके बाद ईडी की तरफ से मलय घटक को नया नोटिस भेजकर महीने के तीसरे हफ्ते में दिल्ली के केंद्रीय जांच एजेंसी के दफ्तर में पेश होने को कहा गया है.
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सितंबर में मलय के कई ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
बताया जा रहा है कि पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने कोलकाता से लेकर आसनसोल तक मलय घटक के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. मंत्री से कोलकाता के डलहौजी इलाके में स्थित सरकारी आवास पर भी पूछताछ की गयी. ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के कई अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद मलय घटक के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोयला तस्करी मामले की जांच शुरू की, मलय घटक मूल रूप से आसनसोल के रहने वाले हैं और आसनसोल नॉर्थ विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के विधायक हैं.
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सुप्रीम कोर्ट में ईडी पर लगाये थे परेशान करने के आरोप
दरअसल, मलय घटक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा था कि ईडी उन्हें परेशान करती है. जब-तब पूछताछ के लिए बुला लेती है. वह पश्चिम बंगाल के मंत्री हैं और ईडी की वजह से उनका काम प्रभावित होता है. उनके लिए संभव नहीं है कि जब भी ईडी उन्हें बुलाये, वह पूछताछ के लिए पहुंच जायें. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को यह निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही मलय घटक को 21 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने पंचायत चुनाव में व्यस्त होने का हवाला देते हुए नोटिस की अनदेखी की थी.
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