Kanpur News: कानपुर के अटल घाट पर मत्स्य मंत्री डॉक्टर संजय कुमार निषाद मत्स्य अंगुलिका रैचिंग कार्यक्रम के तहत गंगा में मछलियां प्रवाहित करने आये थे. लेकिन वह गंगा में मरी हुई मछलियां प्रवाहित कर गए. मंत्री डॉक्टर संजय कुमार निषाद ने मत्स्य अंगुलिका रैचिंग कार्यक्रम के तहत जैसे ही गंगा में मछलियां प्रवाहित की गईं तो सैकड़ों मछलियां मरी हुई निकली.पानी में गिरते ही मरी मछलियां पानी की सतह पर ही रह गई. बता दें कि भीषण गर्मी में प्लास्टिक के पैकेट में बंद होने से मछलियों की मौत हो गई. मत्स्य मंत्री ने पॉलिथीन का पैकेट खोलकर जैसे ही गंगा में मछली प्रवाहित की, वैसे ही कई मछलियां मरी निकली. डॉ. संजय कुमार निषाद ने स्थिति को भांपते हुए जल्दी-जल्दी मछलियां प्रवाहित करने की बात कही.
सहायक निदेशक ने जताई नाराजगी
गंगा में मछलियों को प्रवाहित किया जा रहा था, लेकिन भीषण गर्मी में प्लास्टिक के पैकेट में मछलियों के पैक रहने से मौत हो गई. वहीं मौके पर मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक एनके अग्रवाल से डॉ. संजय कुमार निषाद ने मरी मछलियां प्रवाहित कराने को लेकर नाराजगी जताई. बता दें कि करीब 40 हजार मछलियां को प्रवाहित करने का दावा किया गया.
2 महीने तक मछलियों के शिकार में प्रतिबंध
डॉ. संजय कुमार निषाद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 2 महीने तक गंगा में शिकार प्रतिबंधित है.किसी ने जाल डालकर मछलियां पकड़ी तो उस पर कार्रवाई तय है. गंगा में रहने वाली रोहू, कतला, मंगल वाटा और बाटा मछली को प्रवाहित किया गया है. मरी मछलियों को प्रवाहित करने की बात पर बोले की यह त्रुटि है. भीषण गर्मी में मरती हुई मछलियों को देखकर पहले ही आधी से ज्यादा मछलियां गंगा में प्रवाहित कर दी गई.