झारखंड के चाकुलिया में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने फिर बच्ची को दिया जन्म,परिवार वालों ने अपनाने से किया इनकार
पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया क्षेत्र में दुष्कर्म पीड़ित एक नाबालिग न्याय की गुहार लगा रही है. पीड़िता ने दूसरी बार बच्ची को जन्म दिया. इससे पहले भी नाबालिग ने एक बच्ची को जन्म दिया था. दूसरी बार फिर बच्ची को जन्म देने के बाद अब परिवार वाले उसे अपनाने से इनकार कर रहे हैं.
चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), राकेश सिंह : पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाकुलिया थाना क्षेत्र की 14 वर्षीय नाबालिग दो-दो बार दुष्कर्म की शिकार हुई. दुष्कर्म के बाद पहली बार 13 साल की उम्र में तथा दूसरी बार 14 साल की उम्र में पीड़िता ने दो बच्चियों को जन्म दिया. दुष्कर्म पीड़िता ने तीन जनवरी, 2023 को चाकुलिया सीएचसी में अपनी दूसरी बच्ची को जन्म दिया. बच्ची के जन्म देने के एक माह बीत जाने के बाद भी परिवार वाले उसे अपने साथ घर नहीं ले जा रहे हैं. पीड़िता की मां की मौत हो चुकी है. घर पर पिता, बड़ा भाई और भाभी रहती है. बुधवार को चाकुलिया सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत मुर्मू ने बाल विकास पदाधिकारी को पत्र लिखकर पीड़िता के पुनर्वास की व्यवस्था कराने की मांग की है.
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बीडीओ को लिखा पत्र
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने पत्र में लिखा है कि एक महीने पहले पीड़िता ने अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया. जिसके बाद से अस्पताल में उसके परिजन मौजूद नहीं हैं. परिजन उसे अपने साथ घर भी नहीं ले जा रहे हैं. इस परिस्थिति में उसके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक अस्पताल में रहने पर धात्री माता एवं नवजात के बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है.
क्या है मामला
बता दें कि पहली बार वर्ष 2021 में पीड़िता दुष्कर्म की शिकार हुई थी. उस दौरान तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था. प्रशासनिक पदाधिकारियों की मौजूदगी में एमजीएम अस्पताल में पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया था. फिर वर्ष 2022 में दोबारा पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ. इस मामले में भी चाकुलिया थाना में मामला दर्ज हुआ और आरोपी को जेल भेज दिया गया. इस बार पीड़िता ने चाकुलिया सीएचसी में एक बच्ची को जन्म दिया है.
पीड़िता ने लगायी गुहार
पीड़िता ने रोते हुए बताया कि प्रशासनिक पदाधिकारियों ने उसकी पहली बच्ची अभी तक उसे नहीं सौंपी है. उसने रोते हुए कहा कि इस बच्ची को अब वह किसी को नहीं देगी उसे अपने साथ रखेंगी. बता दें कि पीड़िता समाज के सबसे अंतिम पायदान सबर जनजाति की बच्ची है.