कोलकाताः बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में अपने लक्ष्य से पीछे रहने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी से मिशन 2024 (Mission 2024) पर काम करना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि बंगाल से 4 लोगों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है और उन्हें अहम जिम्मेदारियां दी गयी हैं.
नरेंद्र मोदी की सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ, तो अधिकतर अनुभवी नेताओं को जगह दी गयी. लेकिन, बंगाल से चार ऐसे सांसदों को मंत्री बनाया गया, जिनका संसदीय ज्ञान अभी बहुत कम है. वह केंद्र में सबसे कम उम्र के मंत्री बने सांसद नीशीथ प्रमाणिक हों या मतुआ समुदाय के प्रतिनिधि शांतनु ठाकुर.
उत्तर बंगाल के सांसद जॉन बारला और बांकुड़ा के लोकसभा सदस्य डॉ सुभाष सरकार को भी मंत्री बनाया गया है. मंत्री के रूप में इन्होंने कभी काम नहीं किया. राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि यह भाजपा की बड़ी रणनीति का हिस्सा है. माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बंगाल से इन चार नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
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इस बार विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की और भारतीय जनता पार्टी, जो सरकार बनाने के दावे कर रही थी, अपने लक्ष्य के आसपास तक भी नहीं पहुंच पायी. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा को शानदार सफलता मिली थी, जिसको देखते हुए भगवा दल ने विधानसभा में 200 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया था.
विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत लगा देने के बावजूद भाजपा सिर्फ 77 सीटें ही जीत पायी. हालांकि, वर्ष 2016 में सिर्फ 3 सीटें जीतने वाली भाजपा ने इस बार 77 सीटें जीतीं. फिर भी इसे भाजपा की करारी हार माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि यही हाल रहा, तो 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का जनाधार घट सकता है.
यही वजह है कि बंगाल से चार लोगों को पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. जिन लोगों को मंत्री बनाया गया है, अपने-अपने क्षेत्र में उनका जनाधार बहुत बड़ा है. वह उत्तर बंगाल के जॉन बारला हों या नीशीथ प्रमाणिक. उत्तर 24 परगना के शांतनु ठाकुर हों या बांकुड़ा के दिग्गज भाजपा नेता डॉ सुभाष सरकार.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनाये गये कूचबिहार के भाजपा सांसद नीशीथ प्रमाणिक बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा व कानून-व्यवस्था को लेकर लगातार ममता सरकार के खिलाफ हमलावर रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सहयोगी के रूप में वह निश्चित रूप से कानून और व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करेंगे, ताकि न केवल बंगाल की खराब कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर किया जा सके.
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इतना ही नहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करने की दिशा में नीशीथ पहल करेंगे. मंत्री बनने के बाद नीशीथ प्रमाणिक गृह राज्यमंत्री के रूप में वह राज्य प्रशासन, खासकर पुलिस पर दबाव बना सकते हैं, क्योंकि वह काफी आक्रामक रहते हैं.
उत्तर बंगाल में हिंदी भाषियों का गढ़ माने जाने वाले चाय बागान श्रमिकों के बीच से आये सांसद जॉन बारला जमीन से जुड़े नेता हैं. बांकुड़ा के सांसद डॉक्टर सुभाष सरकार बुद्धिजीवी हैं. आदिवासी बेल्ट में उनका बहुत बड़ा जनाधार है. जंगलमहल में तृणमूल कांग्रेस को बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिलता है. इस इलाके में बीजेपी के पक्ष में वोटिंग होती रही है.
इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन इन क्षेत्रों में बेहतर रहा था. इसलिए लोकसभा में भी इसे बरकरार रखने की कवायद में डॉ सरकार को मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है. वह कानून के जानकार हैं और जमीनी तौर पर उनकी पकड़ भी बहुत अच्छी है, जो भाजपा के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है.
उत्तर 24 परगना के बनगांव से सांसद शांतनु ठाकुर पश्चिम बंगाल के शरणार्थी मतुआ समुदाय से आते हैं. आजादी के बाद से आज तक इस समुदाय को भारत की नागरिकता का इंतजार है. हालांकि इस बार इस समुदाय ने भाजपा के पक्ष में लोकसभा की तरह मतदान नहीं किया. शांतनु ठाकुर के केंद्र में मंत्री बनने के बाद इस समुदाय की उम्मीदें न केवल बढ़ी हैं, बल्कि नागरिकता को लेकर भरोसा भी बढ़ रहा है.
माना जा रहा है कि यह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए मददगार साबित होगा. राज्य की कम से कम 15 लोकसभा सीटों पर इस समुदाय का अच्छा खासा प्रभाव है, जो लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में रहा, तो न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी को काफी फायदा होगा.
Posted By: Mithilesh Jha