आगरा: ‘ट्रैफिक’ फिल्म से देखा आईपीएस अफसर बनने का सपना, थाने की प्रभारी बनकर सपने की पहली सीढ़ी पर रखा कदम

Agra News: 16 वर्षीय गौरी आगरा के सेंट कॉन्रेड्स स्कूल की दसवीं की छात्रा है और दयालबाग के पुष्पांजलि हाइट्स में रहती है. गौरी के पिता शैलेश व्यापारी हैं. गौरी स्टेट बास्केट की खिलाड़ी हैं और उन्हें डांस करना भी काफी पसंद है. गौरी ने कहा कि आज उन्होंने पुलिस की इमेज को काफी करीब से जाना है.

By Sanjay Singh | October 23, 2023 12:47 PM

Agra News: ताजनगरी आगरा के सिकंदरा थाना के प्रभारी की कुर्सी पर बैठी दसवीं कक्षा की गौरी का कहना है कि शायद ही इस उम्र में कोई सोचता होगा कि वह थाना प्रभारी बन जाएगा. लेकिन, आज मुझे थाना प्रभारी बनने का मौका मिला है और आज मैं जान पा रही हूं कि सच में पुलिस की नौकरी कितनी कठिन होती है. आज मैंने कई फरियादियों को शिकायत सुनी और उनकी समस्या को दूर करने की कोशिश की. मिशन शक्ति के तहत आगरा की गौरी को थाना सिकंदरा का एक दिन का प्रभारी बनने का मौका मिला. डीसीपी सिटी सूरज राय और एसीपी हरिपर्वत मयंक तिवारी की उपस्थिति में थाना प्रभारी सिकंदरा आनंद कुमार शाही ने गौरी का थाने का प्रभार सौंपा. इसके बाद गौरी को थाने का भ्रमण कराया गया. इस दौरान गौरी ने माल खाना, डाक कार्यालय, महिला हेल्प डेस्क, साइबर सेल, मेस आदि कार्यालयों का भ्रमण किया.

आगरा जनपद में एक दिन की थाना प्रभारी बनी गौरी ने बताया कि लॉकडाउन में उसने एक फिल्म देखी थी जिसका नाम ट्रैफिक था. इस फिल्म में मेंने देखा की पुलिस किस तरह अपने परिवार और लोगों का ख्याल रखती है. यहां से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है. मैं अपने दोस्तों को भी इस बारे में बताऊंगी कि मैंने थाने में क्या-क्या सीखा. गौरी ने बताया कि मैं आईपीएस बनना चाहती हूं. और इसलिए मेरा जो सपना है, उसे सपने की तरफ बढ़ने के लिए आज मैंने अपना पहला कदम रख दिया है.

Also Read: Azam Khan: सीतापुर जेल में पहली रात मच्छरों ने आजम खां की नींद में डाला खलल, मिलने पहुंचेंगे अखिलेश यादव
बास्केटबॉल खिलाड़ी है गौरी

16 वर्षीय गौरी आगरा के सेंट कॉन्रेड्स स्कूल की दसवीं की छात्रा है और दयालबाग के पुष्पांजलि हाइट्स में रहती है. गौरी के पिता शैलेश व्यापारी हैं. गौरी बास्केटबॉल की खिलाड़ी हैं और उन्हें डांस करना भी काफी पसंद है. गौरी ने कहा मैं पहली बार पुलिस के पास आई हूं. आज उन्होंने पुलिस की इमेज को काफी करीब से जाना है.

महिला अपराध रोकने को लोगों की सोच बदलना जरूरी

गौरी ने कहा कि लोगों के मन में पुलिस की खराब छवि है. लेकिन, मैं आईपीएस अफसर बनूंगी तो चाहूंगी कि पुलिस की एक अच्छी छवि भी लोगों की नजरों में आए. साथ ही गौरी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को रोकने के लिए लोगों की सोच बदलना जरूरी है. अधिकतर महिलाओं के लिए तमाम रैलियां और यात्रा निकाली जाती है. लेकिन, सब कुछ सिर्फ टीवी और मोबाइल पर दिखने के लिए है. जबकि करीब से किसी ने यह नहीं देखा कि महिला और युवतियों के साथ क्या गलत होता है.

Next Article

Exit mobile version