कमला नदी की बाढ़ से मिथिला को मिलेगी मुक्ति, जयनगर में बनेगा बराज, खर्च होंगे 405.66 करोड़

मुजफ्फरपुर : मधुबनी जिले के जयनगर में कमला नदी पर निर्मित पुराने वीयर को अत्याधुनिक बराज में बदलने के लिए जल संसाधन विभाग ने 405.66 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार कर लिया है. बराज के निर्माण से मिथिला के बड़े क्षेत्र को कमला नदी की बाढ़ से राहत मिलेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 4, 2020 10:11 AM

मुजफ्फरपुर : मधुबनी जिले के जयनगर में कमला नदी पर निर्मित पुराने वीयर को अत्याधुनिक बराज में बदलने के लिए जल संसाधन विभाग ने 405.66 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार कर लिया है. बराज के निर्माण से मिथिला के बड़े क्षेत्र को कमला नदी की बाढ़ से राहत मिलेगी. साथ ही मधुबनी जिले में 44,960 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी, जिससे मुख्यत: जयनगर, बासोपट्टी, खजौली, लदनिया, कलुआही एवं हरलाखी प्रखंडों के किसान लाभान्वित होंगे.

आइआइटी रुड़की को दी गयी थी जिम्मेदारी

जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि जुलाई 2019 में कमला नदी में आई भीषण बाढ़ के दौरान वीयर के डेक स्लैब के ऊपर से पानी प्रवाहित हो गया था. इससे वीयर के दाएं और बाएं मार्जिनल बांध में टूट आ गयी थी. विभाग की ओर से आइआइटी रुड़की के जाने-माने विशेषज्ञ नयन शर्मा को इलाके का अध्ययन कर कमला की बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान सुझाने की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. रिपोर्ट में कमला वीयर को बराज में परिवर्तित करने पर जोर दिया गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस वर्ष 24 जून को जयनगर का दौरा किया था. तब उन्होंने कमला वीयर को बराज में बदलने के जल संसाधन विभाग के प्रस्ताव को मौके पर ही हरी झंडी देते हुए यहां अत्याधुनिक बराज के निर्माण का एलान किया था. इस योजना को राज्य मंत्रिमंडल को स्वीकृति के लिए भेजा गया है.

पांच दशक पुरानी है तकनीक

फिलहाल कमला नदी पर पांच दशक पुराने वीयर में फॉलिंग शटर का प्रावधान है. बाढ़ आने पर वीयर के अपस्ट्रीम में भारी मात्रा में शिल्ट जमा हो जाता है, जिससे फॉलिंग शटर जाम हो जाता है. पानी घटने पर शिल्ट को हटा कर फॉलिंग शटर को उठाना पड़ता है. इस प्रक्रिया में कई दिनों तक नहर में पानी का प्रवाह काफी कम हो जाता है. इस कारण वीयर से निर्धारित क्षमता के अनुरूप सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाता है. पौंड लेवल ऊंचा करने से यहां अधिक पानी रोका जा सकेगा.

बिहार और नेपाल में बने कमला के दोनों तटबंधों को जोड़ा जाएगा

मिथिला के बड़े क्षेत्र को कमला नदी की बाढ़ के कहर से बचाने के लिए भारत और नेपाल में बने कमला के बाएं और दाएं तटबंधों को आपस में जोड़ा जाएगा. जल संसाधन विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना पर 41.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे. योजना के तहत कमला नदी के बाएं तटबंध के साथ करीब 1210 मीटर, जबकि दाएं तटबंध के साथ लगभग 600 मीटर लंबाई में नये तटबंध का निर्माण प्रस्तावित है. इस कार्य को तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कमला नदी की बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान की दिशा में इसे बेहद महत्वपूर्ण योजना बताते हुए कहा कि यह कमला नदी के किनारे बसे लाखों लोगों के लिए बड़ी सौगात साबित होगी.

posted by ashish jha

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