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मिथुन चक्रवर्ती को कलकत्ता हाइकोर्ट से बड़ी राहत, जज ने कहा- फिल्मी डायलॉग से नहीं फैलती हिंसा

West Bengal News|Mithun Chakraborty News| तृणमूल युवा कांग्रेस के एक नेता ने कोलकाता के मानिकतला थाना में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी थी.

कोलकाता: ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने वाले अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) को कलकत्ता हाइकोर्ट (Calcutta High Court) ने बुधवार (28 जुलाई) को बड़ी राहत दी. जज ने कहा कि किसी फिल्म के डायलॉग से हिंसा नहीं फैलती. न ही अशांति होती है. मिथुन चक्रवर्ती के मामले में हाइकोर्ट ने कोलकाता पुलिस से जांच की रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (Bengal Chunav 2021) के दौरान कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड ग्राउंड (Brigade Parade Ground) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की जनसभा में भाजपा का दामन थामने वाले बॉलीवुड के स्टार और डांस के महागुरु मिथुन चक्रवर्ती (Bollywood Star Mithun Chakraborty) ने अपनी फिल्म का के दो डायलॉग बोले थे. ‘मारबो एखाने, लाश पोड़बे सशाने.’ यानी मारूंगा यहां, तो लाश गिरेगा श्मशान में. मिथुन के इस डायलॉग को तृणमूल (TMC) ने भड़काऊ बयान करार दिया था.

तृणमूल युवा कांग्रेस के एक नेता ने कोलकाता के मानिकतला थाना में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी थी. तृणमूल युवा कांग्रेस के नेता ने अपनी शिकायत में कहा था कि 7 मार्च को भाजपा में शामिल होने के बाद आयोजित रैली में चक्रवर्ती ने ‘मारबो एखाने लाश पोरबे सशाने’ और ‘एक छोबोले छबि’ (नाग का एक ही दंश तुम्हें तस्वीर में कैद कर देगा) डॉयलॉग बोले थे, जिसकी वजह से राज्य में चुनाव के बाद हिंसा हुई.

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इस शिकायत के बाद मानिकतला थाना की पुलिस ने कई बार मिथुन चक्रवर्ती से पूछताछ की. अब जाकर इस मामले में मिथुन को बड़ी राहत मिल गयी है. जस्टिस कौशिक चंद ने केस की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी फिल्म के लोकप्रिय डायलॉग को सभा में बोलने से हिंसा नहीं भड़फिलमकती. अशांति भी नहीं होती. उन्होंने कहा कि शोले फिल्म में अमजद खान से लेकर बहुत से अभिनेताओं ने अब तक हजारों लोकप्रिय डायलॉग दिये हैं.

जस्टिस चंद ने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती का डायलॉग भी काफी लोकप्रिय है. दूसरी तरफ, मिथुन ने भी माना है कि उन्होंने लोगों का मनोरंजन करने के लिए वह डायलॉग बोला था. इसलिए इस मामले में कोई दम नहीं है और इसमें जांच करने जैसी कोई बात नहीं है. जस्टि चंद ने कहा कि चुनाव के बाद की अशांति के लिए मिथुन चक्रवर्ती को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. डायलॉग ने वोट के बाद अशांति पैदा की, यह कहना सही नहीं है.

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3 अगस्त को फिर होगी सुनवाई

इसके साथ ही जस्टिस चंद ने कोलकाता पुलिस को इस मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इस केस की अगली सुनवाई मंगलवार (3 अगस्त) दोपहर दो बजे होगी. ज्ञात हो कि मिथुन चक्रवर्ती ने हाइकोर्ट से एफआईआर को खारिज करने की मांग की थी, लेकिन हाइकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी. कहा कि पूछताछ आगे बढ़नी चाहिए. इसके बाद उनसे पूछताछ हुई और उनके बयान दर्ज किये गये.

Posted By: Mithilesh Jha

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